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हरियाणा के डॉक्टरों ने बड़े स्तर पर हड़ताल का फैसला किया है. हरियाणा मेडिकल सिविल सर्विसेज एसोसिएशन की ओर से यह फैसला विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए अलग कैडर नहीं बनाने पर लिया गया है. इसमें सरकार को चेतावनी दी गई है कि 26 दिसंबर तक मांगे नहीं मानी गई तो 27 से ओपीडी सेवा और फिर 29 दिसंबर से आपातकालीन सेवाएं भी ठप कर दी जाएंगी. डॉक्टरों ने कहा कि फैसले पर विचार करने के लिए सरकार के पास 17 दिन का वक्त है. इसके बाद आर या पार की लड़ाई होगी. बता दें कि हरियाणा मेडिकल सिविल सर्विसेज एसोसिएशन लंबे समय से विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए अलग कैडर बनाने की मांग करता आ रहा है. इस मांग पर अब तक सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की गई. ऐसे में संगठन के राज्यस्तरीय बैठक में सरकार के रुख की समीक्षा करते हुए यह फैसला लिया गया है. इस फैसले के तहत शनिवार को डॉक्टरों ने दो घंटे का सांकेतिक हड़ताल5 किया था. इससे राज्य के सभी राजकीय अस्पतालों में इलाज के लिए आए मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ी थी.
एचसीएमएस के राज्य प्रधान डॉ. राजेश ख्यालिया के मुताबिक अभी तो हड़ताल सांकेतिक है, सरकार यदि 26 दिसंबर तक कोई फैसला नहीं लेती है तो डॉक्टरों को काम काज ठप करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा और इसकी सारी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी. डॉ. ख्यालिया के मुताबिक उनकी मांगों को खुद सीएम मनोहर लाल ने अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था, लेकिन दो साल के बाद भी सरकार ने इस पर अमल की कोशिश नहीं की है. उन्होंने बताया कि इस मांग के अलावा सर्विस के दौरान डॉक्टरों को पीजी करने के लिए एक-एक करोड़ रुपये के दो बांड भरने पड़ते हैं. पहले 50 लाख रुपये के बांड पर यह सुविधा मिलती थी. उन्होंने सरकार से पुरानी पालिसी को लागू करने की मांग की है. इस बार डॉक्टरों के कड़े तेवर को देखते हुए खुद स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टरों से बात करने का फैसला किया है.इससे पहले विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव जी अनुपमा डॉक्टरों के साथ कई दौर की बैठकें कर चुकी हैं. हालांकि डॉक्टर सभी बैठकों में अपनी मांग पर अड़े रहे थे.