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राजस्थान के नागौर में गांव के सरपंच के खिलाफ तुगलकी फरमान जारी करने का मामला सामने आया है. जिले के गांव में ग्रामीणों द्वारा पंचायत की गई जिसमे वर्तमान सरपंच को सजा के तौर पर 1 पैर पर खड़ा किया गया. सरपंच का हुक्का-पानी बंद कर उसे समाज से बहिस्कार किया गया. साथ ही पंचायत में उस पर 5 लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया गया. सरपंच के भाई पर हत्या का आरोप है. इसी आरोप के चलते उसके खिलाफ गांव के ग्रामीणों ने पंचायत बुलाई. मामला नागौर जिले के खींवसर उपखंड क्षेत्र के दांतीणा ग्राम पंचायत का है. गांव के सरपंच श्रवण राम मेघवाल का आरोप है कि गांव के 9 दिसंबर को दांतीणा ग्राम पंचायत में गांव के लोग इकट्ठा हुआ थे. इसमें पूर्व सरपंच शेराराम, उप सरपंच भगवत सिंह सांखला, रामूराम, पंच उमाराम, लूणाराम, किशनाराम, श्रवण राम, जोराराम, उमाराम, उमाराम, प्रताप राम, प्रहलाद राम व अन्य 50 लोग पंचायत में शामिल हुए थे. पंचायत में सरपंच श्रवण राम को बार-बार फोन कर बुलाया जा रहा था. जब सरपंच पंचायत में पहुंचे तो उसके खिलाफ तुगलकी फरमान जारी किया गया.
सरपंच के भाई पर है हत्या का आरोप
दरअसल, गांव के जीतू सिंह की पूर्व में हत्या हुई थी. जीतू की हत्या का आरोप सरपंच श्रवण राम मेघवाल के भाई मूलाराम पर है. गांव के लोगों ने पंचायत कर जीतू की हत्या को लेकर सरपंच के खिलाफ फरमान जारी किया था. जबकि इस मामले में सरपंच श्रवण राम मेघवाल ने कहा कि उसका जीतू सिंह की हत्या से कोई लेना देना नहीं है. अगर उसका भाई मूलाराम दोषी है तो पुलिस उसे गिरफ्तार करेगी और कोर्ट सजा देगा.
सरपंच को हाथ जोड़कर किया एक पैर पर खड़ा
सरपंच श्रवण राम ने बताया कि पंचायत में शामिल लोगों ने उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही. आरोप है कि जब वह पंचायत में पहुंचा तो उसे हाथ जोड़कर एक पैर पर खड़े होने की सजा दी गई. वह हाथ जोड़कर एक पैर पर खड़ा रहा. फिर सरपंच और उसके परिवार को गांव-समाज से बहिष्कृत करने का फरमान भी जारी किया गया. फरमान जारी करते हुए कहा कि इनके परिवार का हुक्का-पानी बंद करना है और इन्हें गांव से निकालना है. कोई भी गांव का दुकानदार इन्हें किराने का सामान नहीं देगा. सरपंच के घर किसी का आना-जाना नहीं होगा. उसके घर कोई खाना-पीना नहीं करेगा.
5 लाख रूपये का लगाया आर्थिक दंड
सरपंच श्रवण राम का आरोप है कि पंचायत में शामिल लोगों ने उनका शारीरिक और मानसिक शोषण किया. आरोपियों ने कहा कि हमारा फैसला पुलिस और कोर्ट से ऊपर है. सजा से बचना है तो 5 लाख रूपए दंड देना होगा. सरपंच का आरोप है कि जब उसने आर्थक दंड देने से मना किया तो उसे डराया-धमकाया गया. आरोपी उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ले आए. पीड़ित सरपंच ने मामले को लेकर पांचौड़ी पुलिस से शिकायत की. पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है. पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है. सभी आरोपी पांचोड़ी ग्राम पंचायत के निवासी हैं.