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राजस्थान में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है जहां पर एक 9 महीने की मासूम की जिंदा जलकर मौत हो गई है. मासूम की मौत घर में आग लगने की वजह से हुए है. आदिवासी समाज की महिला अपने चार बच्चों को घर में ही छोड़कर पास ही कपड़े धोने के लिए गई थी. जब महिला कुछ देर बाद वापस आई तो उसने घर में आग लगी हुई देखी. महिला और उसके अन्य रिश्तेदारों ने आग बुझाने की कोशिश की लेकिन, तब तक मासूम की मौत हो चुकी थी. जानकारी के मुताबिक यह पूरा मामला बांसवाड़ा जिले के भुंगड़ा थाना क्षेत्र के सोमपुर गांव का है. गांव में कई आदिवासी छप्पर और मिट्टी से बने कच्चे मकानों में रहते हैं. यहीं पर दोला सारेल नाम के व्यक्ति की झोपड़ी भी बनी हुई थी. शुक्रवार को उसकी पत्नी भुला देवी को कपड़े धोने जाना था तो वह अपने घर में 9 महीने की बेटी कल्पना और तीन बेटों को छोड़कर गई थी. बेटों की उम्र 7, 5 और तीन साल है.
भुला देवी जब कपड़े धोने के लिए गई थी उसी वक्त उसका जेठ संतोष वहां पर पहुंचा और उसने देखा की छोटे भाई के घर में आग लगी हुई है. उसने तुरंत भुला देवी को बुलाया. इसके बाद दोनों ने झोपड़ी में लगी आग को बुझाने की बहुत कोशिश की. कच्चे मकान की सूखी लकड़ियों में आग फैलती गई. इसी बीच तीनों बेटे जैसे-तैसे मकान से बाहर निकलने में कामयाब हो गए. लेकिन, 9 महीने की मासूम की अंदर ही फंसी रही गई.सूचना पर भुंगड़ा थाना अधिकारी समेत पुलिस टीम मौके पर पहुंची. पुलिस ने 9 महीने की मासूम के शव के अवशेष बरामद किए और पोस्टमार्टम के लिए घाटोल सीएससी पहुंचाया है. जहां पर पोस्टमार्टम के बाद मासूम के शव को परिजनों को सौंपा है. मुंगड़ा थाने में मासूम के पिता दोला सारेला ने रिपोर्ट दी कि वह रिश्तेदारके यहां कार्यक्रम में गया हुआ था उसी वक्त उसके बड़े भाई ने घर में आग लगने की जानकारी दी थी.