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निर्मला सीतारमण के बाद अब दिया कुमारी की बारी, ‘डेब्यू’ बजट पेश करेंगी राजस्थान की फाइनेंस मिनिस्टर

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केंद्र की मोदी सरकार के बजट के बाद अब सभी की नज़रें राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार के बजट पर टिकी हुई हैं। दिलचस्प बात ये है कि केंद्र और राज्य में वित्त महकमें का प्रभार महिला मंत्रियों के पास है। केंद्र का बजट जहां वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया, तो वहीं अब राजस्थान के बजट यहां की वित्त मंत्री दिया कुमारी पेश करेंगी। हालांकि नई सरकार गठित होने के कारण दिया कुमारी राज्य का पूर्ण कालिक बजट पेश नहीं करके, फिलहाल लेखानुदान पेश करेंगी।गौरतलब है कि इसी वर्ष प्रस्तावित लोकसभा चुनाव के चलते इस बार केंद्र में भी पूर्ण कालिक बजट पेश नहीं हो सका है। इसी तरह से राजस्थान में भी नई सरकार के गठन होने के बाद पहले पूर्ण कालिक बजट से पहले लेखानुदान आएगा।

पहली बार बजट पेश करेंगी दिया
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को जहां लगातार छठी बार केंद्र की मोदी सरकार का बजट पेश किया, वहीं प्रदेश की वित्त मंत्री अपना पहला राज्य बजट पेश करेंगी। वे 8 फरवरी को भजनलाल सरकार का लेखानुदान सदन के सामने रखेंगी, जिसे पारित करवाया जाएगा।

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‘नया भारत, नई दिशा! : दिया
केंद्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में वित्त मंत्री दिया कुमारी ने कहा, ‘नया भारत, नई दिशा! आज वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट में पर्यटन और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए प्रमुख घोषणाएं आय के साधन की प्रमुख धुरी बनेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार हर वर्ग, हर क्षेत्र के विकास हेतु प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रही है।

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सीतारमण के भाषण को ध्यान से देखा
राज्य की वित्त मंत्री का ज़िम्मा संभाल रही दिया कुमारी ने अपने सोशल मीडिया हैंडलर्स के ज़रिये एक तस्वीर शेयर। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा, ‘सचिवालय स्थित कार्यालय में मोदी सरकार के विकसित एवं समृद्ध भारत के संकल्प की सिद्धि हेतु केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश आम बजट 2024 का सीधा प्रसारण देखा।’

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क्या होता है लेखानुदान?
नई सरकार के लिए वित्तीय लेखाजोखा और सरकारी खर्चे को विधानसभा की मंज़ूरी मिलना ज़रूरी है। आम तौर पर ऐसी स्थितियों में सरकार लेखानुदान पारित कराती है। लेखानुदान राजस्व और खर्चों का लेखाजोखा मात्र होता है। इसमें कुछ महीनों के लिए सरकारी कर्मियों के वेतन, पेंशन और अन्य सरकारी कार्यों के लिए राजकोष से धन लेने का प्रस्ताव होता है। ऐसा इसलिए है कि संविधान के मुताबिक राजकोष से धन निकालने के लिए विधानसभा की मंज़ूरी ज़रूरी है।

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20 साल बाद आया मौक़ा
राजस्थान को 20 साल बाद अब जाकर पूर्ण कालिक वित्त मंत्री मिला है। वर्ष 2003 से 2023 तक के कांग्रेस-भाजपा कार्यकाल में मुख्यमंत्रियों ने वित्त का महकमा अपने पास ही रखा और स्वयं बजट पेश किया। दो बार वसुंधरा राजे और दो बार अशोक गहलोत ने बतौर वित्त मंत्री बजट पेश किया। इन दोनों नेताओं से पहले कांग्रेस की तत्कालीन सरकार में प्रद्युमन सिंह वित्त मंत्री थे।

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दिया के पास हैं कई विभाग
भजनलाल शर्मा सरकार आते ही दिया कुमारी का ‘कद’ बढ़ गया। उन्हें ना सिर्फ डिप्टी सीएम का महत्वपूर्ण ओहदा दिया गया, बल्कि उन्हें वित्त विभाग के अलावा पर्यटन विभाग, कला, साहित्य, संस्कृति और पुरातत्व विभाग, सार्वजनिक निर्माण विभाग, महिला और बाल विकास विभाग और बाल अधिकारिता विभाग जैसे बड़े महकमों का भी ज़िम्मा दिया गया है।

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