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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी को लेकर केंद्र सरकार की एजेंसियों पर मेरी गिरफ्तारी लोकतंत्र का एक काला अध्याय है। एक सुनियोजित साजिश के तहत इसे अंजाम दिया गया है और राजभवन भी इस साजिश में शामिल है। दरअसल, आज विधानसभा में JMM गठबंधन के नए मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने विश्वास मत प्रस्ताव पेश किया था, इस दौरान सदन को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि इन्होंने मुझे साढ़े आठ एकड़ जमीन के घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया है, लेकिन मैं चुनौती देता हूं कि अगर ये इससे जुड़ा एक भी कागज ये पेश कर दें, तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा।
उन्होंने किसी का नाम लिए बिना ही कहा कि लोग आदिवासियों, दलितों, अल्पसंख्यकों पर सालों से अत्याचार करते आए हैं और 31 जनवरी को मेरी गिरफ्तारी भी इसी तरह के अत्याचार में शामिल है। ये लोग चाहते हैं 50-100 साल पहले की तरह आदिवासी जंगलों में जाकर रहे।
भाजपा पर साधा निशाना
इसके अलावा उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि इनके सहयोगी और मित्र 12 -14 लाख करोड़ डकारकर विदेशों में जाकर बैठ गए, लेकिन ये उनका बाल भी बांका नहीं कर पाए। सोरेन ने कहा, “मैं आंसू नहीं बहाऊंगा, क्योंकि आपके लिए आंसुओं का कोई मोल नहीं है। मैं वक्त आने आने पर इनके एक-एक सवालों और षड्यंत्रों का मुंहतोड़ जवाब दूंगा।”
जांच एजेंसियों के दुरुपयोग पर कही ये बात
उन्होंने सदन में अपने संबोधन के दौरान ईडी, सीबीआई जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों दुरुपयोग पर कहा कि ये कभी नहीं चाहते कि कोई आदिवासी झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में पांच साल का कार्यकाल पूरा करे। मुझे तो क्या, इन्होंने अपनी पार्टी में भी किसी आदिवासी मुख्यमंत्री को पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं करने दिया।