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मम्मी-पापा माफ करना, मेरा जाना ही ठीक रहेगा… लिखकर फांसी पर लटक गया 19 साल का छात्र

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राजस्थान के उदयपुर से एक पॉलिटेक्निक स्टूडेंट के द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या करने का मामला सामने आया है. मृतक छात्र ने फांसी के फंदे पर लटकने से पहले एक सुसाइड लेटर भी लिखा है, जिसमें वह अपने मां-पिता सें मांफी मांग रहा है. मृतक ने लिखा है कि वह अपने माता-पिता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया है, जिसके बाद वह यह कदम उठा रहा है. वहीं जानकारी मिलते ही पुलिस की टीम ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. यह घटना उदयपुर के बड़गांव थाना क्षेत्र की है. मृतक का नाम हर्षवर्धन सिंह है. 19 साल का हर्षवर्धन यहीं के विद्या भवन पॉलिटेक्निक कॉलेज के फर्स्ट ईयर का छात्र था, जो कि देवगढ़ के राजसमंद के रहने वाला है. मृतक हर्षवर्धन इसी कॉलेज के हॉस्टल में रहता था. मृतक के दोस्त के मुताबिक, वह हर्षवर्धन से मिलने उसके रूम पर गया था. इस दौरान उसने देखा कि कमरे का दरवाजा बंद है.

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काफी देर तक दरवाजा खटखटाने के बाद जब हर्षवर्धन बाहर नहीं आया तो उसने हॉस्टल के वार्डन को वहां बुलाया. देखते ही देखते वहां दूसरे छात्रों की भीड़ उमड़ पड़ी. लेकिन हर्षवर्धन ने दरवाजा नहीं खोला.इसके बाद वहां मौजूद लोगों ने गेट तोड़कर अंदर जाने की सोची और जब गेट खुला तो उनके होश उड़ गए. लोगों ने देखा कि कमरे में हर्षवर्धन का शव पंखे से लटक रहा था, जिसके वहां दूसरे छात्रों में अफरा-तफरा मच गई. बिना वक्त गंवाए कॉलेज प्रशासन के लोगों ने पुलिस को कॉल कर सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पंखे से नीचे उतारा और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस की छानबीन के दौरान उन्हें मृतक छात्र के कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला है

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क्या लिखा सुसाइड नोट में?

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इस सुसाइड नोट में लिखा था कि भी कि ‘मम्मी बहुत सोचा मैंने मरने से पहले पर अब मैं यह दुख देखकर थक चुका हूं, कुछ समझ में नहीं आ रहा है ,अभी कॉलेज की फीस भी भरनी है ₹15000 देना कोई बड़ी बात नहीं है पर आपकी उम्मीदों पर में खरा नहीं उतर पाया हूं. मेरे बाद बहन नेतल की पढ़ाई और उसकी शादी भी अच्छे से कराना .मेरा सपना था कि नेतल की शादी अच्छे से करने का लेकिन यह सपना भी पूरा नहीं कर सकता. अब आप लोगों की हालत भी मुझसे देखी नहीं जाती, मम्मी आपको में दुखी करके बहुत दुखी हुआ हूं पर क्या करता है यहां से जाना ठीक था और मुझे माफ करना..’

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पुलिस के मुताबिक, हर्षवर्धन अपने परिवार ही नहीं बल्कि खानदान में इकलौता बेटा था. उसके पिता के तीन भाई हैं और उन तीनों के बच्चों को मिलाकर वह अकेला बेटा था, बाकी सब बेटियां हैं. फिलहाल पुलिस ने उसके परिवार को कॉल कर सूचना दे दी है.

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कुछ ही दिन पहले आया था घर

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बेटे की मौत के बाद से परिवार वालों को रो-रोकर बुरा हाल है. इस दौरान हर्षवर्धन के परिवार वालों ने बताया कि वह कुछ दिन पहले ही घर आया था और उसने अपने पिता से कॉलेज की 15000 रुपये फीस भरने के लिए कहा था. इस दौरान उसके पिता ने कहा कि वह दो-तीन दिन में फीस जमा करा देंगे. यह सुनकर वह वापस हॉस्टल चला गया. लेकिन उसके मन में क्या चल रहा था यह उसने कभी नहीं बताया.

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