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राजस्थान के धौलपुर जिले में कुशवाहा समाज ने आरक्षण समेत अन्य मांगों को लेकर फिर से सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है और अबकी बार आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. कुशवाहा आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारियों को भरतपुर प्रशासन की ओर से 10 दिन का समय देकर सरकार से वार्ता कराने का आश्वासन मिला था. लेकिन सरकार की तरफ से 25 फरवरी तक वार्ता के लिए बुलावा नहीं आया, न ही कोई फैसला लिया गया.
लोकसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार
ऐसे में अब कुशवाहा आरक्षण संघर्ष समिति राजस्थान (KRSCR) के तत्वाधान में कुशवाहा जगाओ अभियान के तहत बारह फीसदी आरक्षण और 12 सूत्रीय मांगों को लेकर धौलपुर जिले के बसईनवाब कस्बे कुशवाहा समाज पंचायत का मंगलवार को आयोजन किया गया. पंचायत में आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने समाज के लिए बारह फीसदी आरक्षण और लव कुश कल्याण बोर्ड को वित्तीय दर्जा दिलवाने सहित बारह सूत्रीय मांगो को लेकर चर्चा की गई. पदाधिकारियों ने बताया कि सरकार की हठधर्मिता के चलते कुशवाहा समाज ने आज पंचायत में काफी चिंतन और मंथन करने के बाद लोकसभा चुनाव में समाज द्वारा मतदान का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.
5 मार्च को तय होगी आंदोलन की रूपरेखा
साथ ही पांच मार्च को महापंचायत करने का निर्णय लिया है, जिसमें आंदोलन को लेकर अंतिम फैसला लिया जाएगा. पूर्व प्रधान रामहेत कुशवाहा ने बताया कि संभागीय आयुक्त और आईजी भरतपुर रेंज से भी वार्ता हुई थी. दोनों सक्षम अधिकारियों ने सरकार से वार्ता करवाने का आश्वासन दिया था. लेकिन किसी भी प्रकार का रिस्पांस नहीं मिला है. उन्होंने कहा समाज के पटेलों ने एक जाजम पर निर्णय लिया है. 5 मार्च को जिला मुख्यालय पर कुशवाहा समाज की महापंचायत आयोजित की जाएगी. कुशवाहा समाज अब उग्र आंदोलन अपनाएगा. आंदोलन की रूपरेखा तय कर 5 मार्च को ही कहां जाम लगना है, कहां हाईवे रोकने हैं, इसका निर्णय लिया जाएगा.
आंदोलन में महिलाएं भी निभाएंगी भागीदारी
कुशवाहा समाज के आंदोलन में समाज की महिलाएं भी भागीदारी निभाएंगी. बसई नवाब कस्बे में बैठक में भारी तादाद में महिलाएं भी शामिल हुई हैं. महिलाओं ने पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आरक्षण आंदोलन में सहयोग देने का निर्णय लिया है.