REPORT TIMES
राजस्थान के कोटपूतली-बहरोड़ जिले में रेप पीड़िता को गोली मारने और उस पर गंडासे से हमला करने के आरोपियों का आज प्रागपुरा थाना पुलिस ने पावटा के बाजार में जुलूस निकाला. इस दौरान दोनों आरोपियों के कपड़े फटे हुए और सिर मुंडे हुआ नजर आया. दोनों आरोपियों को लंगड़ाती चाल में नंगे पांव पूरे बाजार में घुमाया गया और आमजन में विश्वास बनाए रखने की सार्थक अपील की गई. जुलुस के दौरान DYSP रोहित सांखला व भाबरू थाना प्रभारी सहित भारी जाप्ता मौजूद रहा.
मुख्य आरोपी का कटा पैर
महिला पर हमला करने वाले तीन आरोपी थे, लेकिन जुलूस सिर्फ दो आरोपियों का निकाला गया. क्योंकि मुख्य आरोपी राजेंद्र यादव पैर कटने के कारण जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में भर्ती है, जहां डॉक्टर्स की निगरानी में उसका इलाज चल रहा है. पुलिस की पकड़ से बचकर भागने के दौरान आरोपी राजेंद्र रेलवे लाइन पर ट्रेन की चपेट में आ गया था. इस हादसे में उसका पैर कट गया था, जिसके बाद पुलिस ने उसे पकड़कर अस्ताल में भर्ती कराया था. पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस को गुमराह करने के लिए यादव ने अपनी दाढ़ी और बाल कटवा लिए थे. सोमवार सुबह वह जयपुर के मालवीय नगर में ट्रेन की चपेट में आ गया जिससे उसका दाहिना पैर कट गया और बायां पैर भी चोटिल हुआ है.
युवती पर बना रहा था दबाव
पीड़िता शनिवार रात को जब अपने भाई के साथ दोपहिया वाहन से घर लौट रही थी तो प्रागपुरा थाने के पास उस पर हमला कर दिया गया. पुलिस के अनुसार यादव और उसके साथी महिपाल तथा राहुल ने उनका पीछा किया और पीड़िता की पीठ में गोली मार दी. इसके बाद अन्य आरोपियों ने उसे घेरकर हमला करना शुरू कर दिया. घटना के बाद शनिवार को पीड़िता के परिवार द्वारा FIR दर्ज कराई गई. इसमें परिजनों ने बताया कि राजेंद्र ने 16 जनवरी को युवती से कथित तौर पर दुष्कर्म किया था. यादव को उस समय गिरफ्तार कर लिया गया था. लेकिन हाल ही में वह जमानत पर बाहर आया और उसने पीड़िता को मामला वापस लेने के लिए धमकाना शुरू कर दिया. जब पीड़िता ने मामला वापस नहीं लिया तो उसने जानलेवा हमला कर दिया. चाकू के वार से घायल पीड़िता के भाई को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया. परिजनों का आरोप है कि राजेंद्र यादव पीड़िता को पुलिस के नाम पर धमकाता था और कहता था कि पुलिस उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती.
सीएम शर्मा ने की मुलाकात
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, पूर्व सीएम अशोक गहलोत, स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर और खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने अस्पताल जाकर पीड़िता के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी. स्वास्थ्य मंत्री ने संकेत दिया कि महिला की हालत को देखते हुए चिकित्सकों की सिफारिश पर उसे नयी दिल्ली के अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (एम्स) में स्थानांतरित किया जा सकता है. खींवसर ने कहा कि छह सदस्यीय चिकित्सकों के बोर्ड का गठन किया गया है जो यह तय करेगा कि पीड़ित महिला को इलाज के लिए नयी दिल्ली के एम्स में स्थानांतरित किया जाना चाहिए या नहीं. फिलहाल पीड़िता की हालत स्थिर है. जब उसे अस्पताल लाया गया तो उसकी हालत बेहद नाजुक थी. यह जघन्य अपराध है और मामले की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को दी जायेगी.