AIIMS Hospital: जयपुर। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बुधवार को अपने परिवार का एक सदस्य खो दिया। उनकी भाभी पूर्व राजमाता मां माधवी राजे के स्वर्गवास की खबर से पूरे सिंधिया परिवार में शोक की लहर दौड़ गई। गौरतलब है कि माधवी राजे, वसुंधरा राजे के भाई व पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे माधव राव सिंधिया की पत्नी होने के साथ ही उनके भतीजे व मौजूदा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां थीं। माधवी राजे सिंधिया का नई दिल्ली के एम्स अस्पताल में बुधवार सुबह निधन हो गया. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे लंबे समय से बीमार चल रहीं थी. बीते कुछ दिनों से उनकी हालत गंभीर हो गई थी और वह वेंटिलेटर पर थीं. उनको निमोनिया हो गया था. इस बीमारी के कारण उनकी हालत बिगड़ गई थी. जिससे उनकी मौत हो गई. आइए जानते हैं निमोनिया क्या है. कैसे ये बीमारी होती है और किन हालातों में मौत का कारण बन जाती है.
आमतौर पर निमोनिया की बीमारी बच्चों में ज्यादा होती है. लेकिन ये बीमारी किसी के लिए भी खतरनाक साबित हो सकती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, निमोनिया फेफड़ों की बीमारी है. इस डिजीज के कारण फेफड़ों में इंफेक्शन हो जाता है. निमोनिया होने पर लंग्स में किसी तरह का फ्लूड यानी तरल पदार्थ जमा हो जाता है. इस वजह से लंग्स सही तरीके से काम नहीं कर पाते हैं. शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई कम होने लगती है. इससे मरीज को काफी परेशानी होती है. निमोनिया होने के बाद सांस बहुत तेजी से आती है और सांस लेने में परेशानी भी होने लगती है. एक सामान्य इंसान एक मिनट में 12 से 15 बार सांस लेता है, लेकिन निमोनिया में सांस लेने की दर इससे दोगुना तक हो सकती है.
नहीं हो सका स्वास्थ्य में सुधार
जानकारी के अनुसार माधवी राजे पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहीं थीं। उन्हें इलाज के लिए दिल्ली के एम्स अस्पताल भर्ती करवाया गया था, लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं हो सका। उनके स्वास्थ्य की निगरानी रख रहे डॉक्टरों ने आखिरकार आज सुबह उन्हें मृत घोषित कर दिया।
तीन तरह का होता है निमोनिया
सफदरजंग हॉस्पिटल में कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग में एचओडी प्रोफेसर डॉ जुगल किशोरबताते हैं कि निमोनिया तीन तरह का होता है. एक होता है बैक्टीरियल निमोनिया, दूसरा वायरल निमोनिया और तीसरा फंगस के कारण फंगल निमोनिया. इनमें बैक्टीरियल और वायरल निमोनिया के मामले ही ज्यादा आते हैं. बैक्टीरियल निमोनिया में लंग्स में सफेद रंग के धब्बे बनने लगते हैं. इस निमोनिया में लंग्स के किसी एक तरफ ये धब्बे होते हैं. जबकि वायरल निमोनिया में दोनों फेफड़ों पर असर होता है. बैक्टीरियल निमोनिया न्यूमोकोकस बैक्टीरिया के कारण होता है. वायरल निमोनिया वायरस की वजह से होता है. शरीर में फ्लू करने वाले वायरस निमोनिया कर सकते हैं. अगर फ्लू के बाद खांसी की समस्या हो जाती है और लंग्स में इंफेक्शन होने लगता है तो इसका मतलब होता है कि फ्लू वाला वायरस निमोनिया भी कर रहा है. निमोनिया का वायरस शुरू में लंग्स के ऊपर की ओर रहता है, लेकिन अगर ये नीचे की तरफ चला जाता है तो इससे लंग्स में गंभीर इंफेक्शन हो जाता है और सांस लेने के दौरान लंग्स के फैलने की क्षमता कम हो जाती है और लंग्स ठोस होने लगते हैं.