Report Times
latestOtherकरियरकृषिकोटाटॉप न्यूज़ताजा खबरेंराजस्थानस्पेशल

‘Sadabahar Mango’: ‘सदाबहार आम’ से 5 साल में कमा चुका 5 करोड़, 12 महीने आते हैं फल, पाकिस्तान से आई सदाबहार आम की किस्म के पौधे की मांग तो बोले…..

‘Sadabahar Mango’: राजस्थान के कोटा जिले के गिरधरपुरा गांव के किसान ने आम को ख़ास बनाकर कमाल कर दिखाया. ऐसी आम की किस्म तैयार की, जिसके पौधे 12 महीने फल देते हैं. आम की खास किस्म का नाम है ‘सदाबहार’ और इस नायाब किस्म को तैयार किया है कोटा के किसान श्रीकिशन सुमन ने. करीब 10 साल की मेहनत से यह किस्म तैयार की गई है. किसान श्रीकिशन सुमन 11वीं कक्षा तक पढ़े लिखे हैं. सदाबहार आम का इनोवेशन उन्हें न सिर्फ सालभर अच्छी कमाई दे रहा है. बल्कि उनके बग़ीचे के सदाबहार आम की चर्चा दुनियाभर हो रही है. कोटा शहर से 8 किलोमीटर दूर गिरधरपुरा गांव के श्रीकिशन ने पढ़ाई छोड़ने के बाद 1993 में अपनी 1 बीघा जमीन में खेती शुरु की. धान, सब्जियां, फूलों की खेती की, लेकिन हर बार खराब मौसम और सीजन के अलावा भाव नहीं मिलने के कारण नुकसान उठाना पड़ता था. श्री किशन ने खेती का पैटर्न बदले ने ठानी.

Advertisement

Advertisement

इनोवेशन ने बदली तकदीर

Advertisement

साल 1998 में आम की नई किस्म तैयार करने का काम शुरू किया और 1 बीघा जमीन पर अलग-अलग किस्मों के आम के पौधों की ग्राइंडिंग (एक पौधे के अलग-अलग हिस्से) करना शुरू किया. इस दौरान एक पौधे में 7 रंग के फूल आ गए. 8 साल तक वे आम के पौधों पर ऐक्सपैरिमेंट, शोध करते रहे. आखिर साल 2005 में सफलता मिली और आम की नई किस्म का पौधा तैयार कर दिखाया.

Advertisement

 

Advertisement

साल 2010 में आम की किस्म हुई खास

Advertisement

श्रीकृष्ण बताते हैं कि नई किस्म का पौधा तैयार करने के बाद बतौर टेस्ट के लिए उदयपुर और लखनऊ भेजे. साल 2010 में लखनऊ रिसर्च सेंटर से कृषि वैज्ञानिक कोटा आए. यहां रिसर्च में पता चला कि सामान्य आम के पौधे पर 2 साल में एक बार फल लगता है लेकिन, इस नई किस्म के पौधे के साल में 3 बार फल लगते हैं. इसलिए इसका नाम ‘सदाबहार आम’ रखा. यह नाम इसी नाम से जाना जा रहा है.

Advertisement

5 साल के पौधे में साल भर में मिलते है 50 किलो आम 

Advertisement

किसान श्रीकृष्ण ने अपने खेत पर सदाबहार आम की नर्सरी लगा रखी है. पौधे तैयार करते हैं. थैलियों में पौधे लगाते हैं. फिर उनकी फ्लावरिंग करते है, यानी पौधे में उगने वाले फूलों को हटा देते है. इससे पौधे की ग्रोथ अच्छी होती है.आम का पौधा तीसरे साल में फल देना शुरू कर देता है. 5 साल बाद यही पौधा साल भर में 50 किलो आम देता है. 8 से 10 साल होने पर उपज 100 से 150 किलो तक पहुंच जाती है.

Advertisement

राष्ट्रपति भवन के बगीचे में लगें है सदाबहार आम के पौधे

Advertisement

साल 2017 में राष्ट्रपति भवन में किसान श्रीकिशन सुमन ने एग्जीबिशन में हिस्सा लिया था. तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी सदाबहार आम की किस्म को देखकर काफी प्रभावित हुए थे. श्रीकिशन की तैयार सदाबहार आम की किस्म के 4 पौधे राष्ट्रपति भवन के बगीचे में लगाए गए थे. आज भी राजस्थान के कोटा का सदाबहार आम बगीचे की शोभा बढ़ा रहा है. इधर, 12 माह आम देने वाली किस्म सदाबहार तैयार करने वाले किसान श्रीकिशन को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सम्मानित किए. किसान को ₹ एक लाख रुपए की राशि और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया.

Advertisement

5 साल में कमाए एक करोड़

Advertisement

साल 2017 में श्रीकिशन सुमन ने 3 बीघा जमीन खरीदी और मदर प्लांट लगाया. वहां सदाबहार आम के पौधे तैयार किए. अब 5 साल में वे 1 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई कर चुके हैं. 300 पौधे तैयार किए है. आम के पौधों से होने वाली कमाई से बच्चों की शादी से लेकर मकान तक बनवाया.

Advertisement

आम का पौधा पाकिस्तान को नहीं दिया

Advertisement

श्रीकृष्ण सुमन गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, एमपी, यूपी, केरल, कर्नाटक, बंगाल, विदेश में अमेरिका, जर्मनी, इंग्लैंड थाईलैंड, अफ्रीका में पौधे भेज चुके हैं. साल 2018 में पाकिस्तान से कुछ लोग सदाबहार आम की किस्म के पौधे की डिमांड की, लेकिन सुमन ने यह कहकर इंकार कर दिया कि पहले रिश्तो में मिठास लाएं फिर सदाबहार आम खाने को मिलेगा. 300 रुपए किलो तक पहुंच जाता है सीजन में सदाबहार आम का भाव. अन्य किस्मों के मुकाबले सदाबहार आम का भाव 20 से 25 रुपए किलो ज्यादा रहता है.

Advertisement
Advertisement

Related posts

चिड़ावा : इस्माइलपुर में ट्यूबवेल का बिजली कनेक्शन कराने की मांग

Report Times

डांगर गांव में मेले का आयोजन

Report Times

जैन साध्वियों का चिड़ावा मंगल प्रवेश पर हुआ भव्य स्वागत

Report Times

Leave a Comment