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 नए बने जिलों पर समीक्षा का दौर, जयपुर के टुकड़े हो सकते है रद्द,

जयपुर विधानसभा सत्र से ठीक पहले भजनलाल सरकार की ओर से नये जिलों की समीक्षा के लिए बनाई गई कैबिनेट सब कमेटी को लेकर सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस के विधायक सोच विचार में डूब गए है कि बीजेपी सरकार कांग्रेस के प्रभाव वाले जिलों को खत्म कर सकती है. समीक्षा कमेटी में शुमार मंत्रियों का मानना है कि जो शहर कस्बे जिले बनने की मापदंडों पर खरे नहीं उतर रहे हैं,उनसे जिले का दर्जा छीना जा सकता है. हालांकि एक तर्क ये भी है कि नए जिले बदले नहीं जायेंगे बल्कि नया संशोधित रूप सामने आ सकता है,हालांकि कुछ नए बने जिलों पर तलवार जरूर लटकी है..ये तय है कि जयपुर के नाम से बने दो जिलों को रद्द किया जा सकता है.

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अशोक गहलोत की सरकार ने जातें जाते आनन फानन में नए जिलों का ऐलान कर दिया था. इसके तहत सत्रह नये जिलों की घोषणा की थी, इनमें जयपुर और जोधपुर के दो टुकड़े किये गये थे. अनूपगढ,गंगापुरसिटी,कोटपूतली बहरोड़,बालोतरा,जयपुर ग्रामीण,खैरथल,ब्यावर,नीमका थाना,डीग,जोधपुर ग्रामीण,फलोदी,डीडवाना,सलूंबर,दूदू,केकड़ी,सांचौर शाहपुरा और दूदू को नये जिले के तौर की सौगात दी गई थी. साथ ही नए संभाग भी बनाए गए थे. भजन लाल सरकार ने गहलोत राज में बने नए जिलों की समीक्षा के लिए डिप्टी सीएम प्रेम चंद बैरवा की अगुवाई में मंत्रिमंडलीय सब कमेटी गठित की है,इसमें मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़,कन्हैयालाल चौधरी,हेमंत मीणा और सुरेश रावत को सदस्य बनाया गया है.

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संसदीय कार्यमंत्री और विधि मंत्री जोगाराम पटेल का कहना है कि गहलोत राज में अपने चहेतों को खुश करने के लिए सीएम गहलोत ने जिले बना दिये, जबकि कुछ तो अपने मापदंड पर खरे भी नही उतरे थे, नतीजा ये निकलने वाला है कि सरकारी खजाने पर व्यय बढ़ेगा. नए बने जिलों में दूदू राजस्थान का सबसे छोटा जिला बना,फिर केकड़ी और सांचौर हैं. नए बने जिलों और इनमे शामिल होने और नही होने को लेकर विरोध सामने आ चुका है. कांग्रेस विधायक रामकेश मीणा ने यहां तक कह दिया हैं की गंगापुर जिले से छेड़छाड़ हुई तो ईट से ईट बजा देंगे.

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हालांकि बीजेपी में वो विधायक उन नए जिलों को बचाने में जुटे है जिनके जिले भी रिव्यू में है. भरतपुर से अलग कर बनाये गये डीग जिले में गृह राज्यमंत्री जवाहर बेढम की विधानसभा सीट नगर भी आती है,अब गृह राज्यमंत्री ने कहा कि डीग जिले का अस्तित्व बरकरार रहेगा. बहरहाल नए जिलों को लेकर विधानसभा सत्र में हंगामा होना तय माना जा रहा है. इस मुद्दे पर खींचतान सामने आना तय है. कारण साफ है कि आने वाले समय में पंचायत राज और निकाय चुनाव सामने है .ये भी कहा जा रहा है कि नए बने जिलों को खत्म करने के बजाए उनके विस्तार किए जाने की अधिक संभावना है।

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