अंतिम संस्कार के लिए बेटे का शव लेने पिता- पत्नी के खिलाफ कोर्ट पहुंच गया। कोर्ट ने करीब डेढ घंटे की सुनवाई की। उसके बाद फैसला दिया कि दाह संस्कार के लिए बेटे का शव पिता को सुपुर्द कर दिया जाए। मामला झुंझुनू के सूरजगढ़ का है। दरअसल बेटे की बुधवार को इलाज के दौरान जयपुर में मौत हो गई थी। बेटे के दाह संस्कार को लेकर दोनां में विवाद हो गया। पिता कोर्ट पहुंच गया। सूरजगढ़ निवासी रेखा शर्मा की शादी चूरू जिले के राजगढ़ तहसील के किरतान गांव निवासी अशोक शर्मा के साथ हुई थी। शादी के बाद उनके दो बेटे हुए। लेकिन करीब 8 साल से दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया। जब ही दोनां अलग रह रहे थे। दोनों बेटे पत्नी के पास थे। दोनों बेटों को अपने पास रखने के लिए 2017 में अशोक कोर्ट में पहुंचा। जिसमें अभी मामला विचाराधीन है।
करीब 11 दिन पहले रेखा और अशोक शर्मा का छोटा बेटा 12 साल का हर्षित अचानक बीमार हो गया। बीमार होने के बाद पहले उसका सूरजगढ़ इलाज करवाया गया। इसके बाद जयपुर रैफर किया गया। जयपुर में करीब पांच दिन इलाज चलने के बाद बुधवार सुबह हर्षित की मौत हो गई। मौत के बाद भी पिता अशोक शर्मा अपने बेटे के शव को लेने के लिए कोर्ट पहुंचा। चिड़ावा एडीजे कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता लोकेश शर्मा के द्वारा लगाई गई एप्लीकेशन पर एडीजे ने महज डेढ़ घंटे में फैसला देते हुए पुलिस को आदेश दिए कि बच्चे का शव पिता को दिया जाए। इसके बाद पुलिस ने मेडिकल बोर्ड से शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव पिता को सुपुर्द किया।
ससुराल वालो के खिलाफ मामला दर्ज करवाया
अशोक शर्मा ने अपनी पत्नी सहित ससुराल अन्य के खिलाफ थाने में मामला दर्ज कराया है। जिसमें उसने बेटे की मौत का जिम्मेदारी ससुराल वालों बताया है। थानाधिकारी ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर शव का पोस्टमार्टम कराकर पिता अशोक को सौंप दिया है। वहीं मामले की जांच कर रहे है। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।