आम आदमी पार्टी की विधायक दल की बैठक में आतिशी को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री चुना गया है. वह दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी, उनसे पहले बीजेपी की ओर से सुषमा स्वराज और कांग्रेस की ओर से शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. नई दिल्ली; आम आदमी पार्टी की विधायक दल की बैठक में आतिशी को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री चुना गया है. वह दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी, उनसे पहले बीजेपी की ओर से सुषमा स्वराज और कांग्रेस की ओर से शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. दिल्ली की कालकाजी सीट से पहली बार विधायक बनीं आतिशी केजरीवाल सरकार में सबसे ज्यादा विभाग संभाल रही थीं. उन्हें अरविंद केजरीवाल के सबसे करीबियों में से एक माना जाता है. केजरीवाल ने जबसे इस्तीफे का ऐलान किया था, ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि आतिशी को ही दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. अब इसको लेकर औपचारिक ऐलान भी कर दिया गया है. AAP की विधायक दल की बैठक में आतिशी को अगला मुख्यमंत्री चुन लिया गया है.
2020 में पहली बार विधायक, 2023 में मंत्री और 2024 में मुख्यमंत्री…., ‘चमत्कारी’ है आतिशी का सियासी सफर
वे अन्ना आंदोलन के समय से संगठन में सक्रिय हैं. जबसे केजरीवाल जेल गए हैं, तबसे ही पार्टी से लेकर सरकार तक में मोर्चा संभाले हुए हैं. वह पंजाबी राजपूत परिवार से ताल्लुक रखती हैं और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हैं. मुख्यमंत्री को लेकर जिन अन्य नामों की चर्चा चल रही थी, उनमें कैलाश गहलोत, गोपाल राय और सौरभ भारद्वाज का नाम शामिल था.
52 दिनों के लिए CM बनीं थी सुषमा स्वराज
आतिशी से पहले जो दो महिला मुख्यमंत्री बनी थीं, उनमें बीजेपी की ओर से सुषमा स्वराज और कांग्रेस की ओर शीला दीक्षित का नाम शामिल है. सुषमा स्वराज के रूप में दिल्ली को पहली बार साल 1998 में महिला मुख्यमंत्री मिली. प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा को इस्तीफा देना पड़ा था और उसके बाद सुषमा स्वराज को सीएम बनाया गया. सुषमा सिर्फ 52 दिन ही मुख्यमंत्री रह पाईं और चुनाव नतीजे आए तो बीजेपी बुरी तरह हार गई. साल 1993 में जिस बीजेपी की 49 सीटें आई थीं, 5 साल बाद एंटी इंकम्बेंसी की वजह से सिर्फ 15 सीटों पर सिमट गई.
कांग्रेस ने शीला दीक्षित को बनाया तीन बार CM
जब 1998 में कांग्रेस चुनाव जीत गई तो कांग्रेस ने शीला दीक्षित को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया. उसके बाद 2003 में जब चुनाव हुए तो कांग्रेस को एक बार फिर पूर्ण बहुमत मिला. इस बार कांग्रेस को 47 जबकि बीजेपी को 20 सीटें मिलीं. इसके बाद 2008 में विधानसभा चुनाव हुए तो कांग्रेस को 43 और बीजेपी को 23 सीटें मिली. शीला दीक्षित लगातार 15 साल तक मुख्यमंत्री रहीं. हालांकि 2013 में जब अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी ने चुनाव लड़ा तो उन्हें 28, कांग्रेस को 8 और बीजेपी को 34 सीटें मिली थीं. इस त्रिशंकु विधानसभा में कांग्रेस ने AAP को बाहर से समर्थन देकर सरकार बनाई थी और अरविंद केजरीवाल पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद जब 2015 में चुनाव हुए तो आम आदमी पार्टी ने क्लीन स्वीप करते हुए 70 में 67 सीटों पर जीत हासिल की थी और 2020 में हुए चुनावों में 62 सीटें जीतकर तीसरी बार AAP ने सरकार बनाई थी. पिछले दो चुनावों में कांग्रेस को दिल्ली में एक भी सीट पर जीत नहीं मिली.