केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) मंगलवार सुबह जयपुर (Jaipur) पहुंचे, जहां बीजेपी नेताओं ने उनका एयरपोर्ट पर स्वागत किया. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत करते कहा, ‘हम सभी जानते हैं कि रेलवे की सुरक्षा के लिए कवच एक बहुत बड़ा विकास है. 16 जुलाई 2024 को आरडीएसओ द्वारा कवच 4.0 संस्करण को अंतिम रूप दिया गया था. इसकी पहली स्थापना सवाई माधोपुर से पूरी हो चुकी है. कोटा और नागदा में, जयपुर-गांधीनगर स्टेशन पर पहला रूफ प्लाजा है. मैं उसका भी जायजा लूंगा.’ इसके बाद रेल मंत्री सीएम आवास के लिए रवाना हो गए, जहां पहुंचकर उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात की और प्रदेश की रेल परियोजनाओं के बारे में चर्चा की.
आज सवाई माधोपुर से सुमेरगंज मंडी तक ट्रायल
कवच 4.0 रेलवे सुरक्षा प्रणाली के तहत सवाईमाधोपुर से कोटा के बीच रेलवे ट्रैक को कवच लैस किया गया है, जिसका आज ट्रायल होगा. इस कवच 4.0 सुरक्षा प्रणाली का निरीक्षण रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव द्वारा किया जाएगा. रेल मंत्री इस वक्त जयपुर में हैं और वे आज दोपहर बाद सवाई माधोपुर पहुंचेंगे और कवच 4.0 सुरक्षा प्रणाली का रेलवे अधिकारियों के साथ सवाई माधोपुर से सुमेरगंज मंडी तक रन कर ट्रॉयल लेंगे. कवच 4.0 रेलवे सुरक्षा प्रणाली एक ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम है. रेल मंत्री इसके निरीक्षण के लिए सवाई माधोपुर से सुमेरगंज मंडी तक ट्रेन के लोको में सफर करेंगे.
देश का पहला रेलवे ट्रैक जहां लागू होगा कवच 4.0
रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार, कवच 4.0 रेलवे सुरक्षा प्रणाली पूरी तरह से अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणाली है, जो रेल दुर्घटना की रोकथाम में महत्वपूर्ण साबित होगा. यह रेलवे ट्रेक पर ट्रेनों का सुरक्षित तरीके से संचालन करेगा. यह प्रणाली देश में पहली बार सवाई माधोपुर से कोटा के बीच 108 किलोमीटर की दूरी में स्थापित की गई है. इसका काम दो माह में पूरा करने के बाद आज शुरू कर दिया जाएगा. यह देश का पहला रेलवे ट्रैक है, जहां इसे लागू किया गया है.
स्पीड ज्यादा होने पर ऑटोमैटिक लगेंगे ब्रेक
कवच 4.0 के तहत रेलवे ने सवाई माधोपुर और कोटा के बीच 130 टावर स्थापित किए हैं. इसके लिए ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई गई हैं. इस ट्रैक पर 78 कवच भवन का निर्माण किया गया है. साथ ही 178 सिग्नलिंग इंटरफेस और एक एसपीएलएस नेटवर्क का निर्माण किया गया है. रेलवे ने कवच 4.0 के तहत एक ऐसा स्वचालित सिस्टम तैयार किया है, जिसमें ट्रेन की निर्धारित स्पीड से 2 किमी प्रतिघंटा से अधिक की स्पीड होने पर कवच ओवर स्पीड अलार्म बजाएगा. ट्रेन की निर्धारित स्पीड से 5 किमी प्रतिघंटा से ज्यादा होने पर ऑटोमैटिक ब्रेक लग जाएंगे. वहीं ट्रेन की निर्धारित स्पीड से 9 किमी प्रतिघंटा से ज्यादा होने पर पर इमरजेंसी ब्रेक लग जाएंगे.
सिग्नल पर निर्भर नहीं रहेंगे पायलट
कवच सिस्टम पर इंटरलॉकिंग लगाई गई है, जिससे अगले सिग्नल को पढ़कर उसके आस्पेक्ट को रेडियो तरंगों के माध्यम से सीधे इंजन में प्रदशित कर देगा, जिससे 160 किमी की रफ्तार में पायलट को सिग्नल पढ़ने में सुविधा होगी. उसे लाइन पर लगे सिग्नल पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा. यदि लोको पायलट ट्रेन संचालन में कोई गलती करता है या भूल होती है तो सिस्टम तुरंत अलर्ट करेगा और आपात स्थिति में ब्रेक लगा देगा.