महाराष्ट्र। रिपोर्ट टाइम्स।
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली सरकार में अब सभी की निगाहें मंत्रिमंडल के विस्तार पर पर टिकी हैं. बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक आगामी 14 दिसंबर तक कैबिनेट विस्तार होने की संभावना है. प्रदेश मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सेत अधिकतम 43 मंत्री हो सकते हैं. मुख्यमंत्री कार्यालय ने जानकारी दी है कि बुधवार 11 दिसंबर को सीएम देवेंद्र फडणवीस दिल्ली के लिए रवाना हुए, जहां वो मंत्रिमंडल को अंतिम रूप देंगे.
बीजेपी नेता का कहना है कि सीएम बनने के बाद फडणवीस पहली बार दिल्ली गए हैं ये उनका पहला दिल्ली दौरा है. इस दौरान वो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ ही उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात करेंगे. नेता का कहना है कि एकनाथ शिंदे की शिवसेना को गृह विभाग नहीं मिलेगा और राजस्व विभाग भी उसे दिए जाने की संभावना नहीं है. उन्होंने बताया कि बातचीत में देरी इसलिए हो रही है क्योंकि तीन पार्टियां इसमें शामिल हैं.
230 सीटों पर महायुति ने दर्ज की जीत
विधानसभा चुनाव में महायुति के प्रदर्शन की बात करें तो सूबे की 288 में 230 सीटों पर महायुति ने शानदार जीत हासिल की है. इसके बाद भव्य समारोह में देवेंद्र फडणवीस तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. वहीं एनसीपी प्रमुख अजित पवार और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने उपमुख्यमंत्री पद की शपद ली. अब सभी की नजर मंत्रिमंडल पर है. जिसकी तस्वीर जल्द ही साफ हो जाएगी.
14 दिसंबर तक मंत्रिमंडल विस्तार
नेता ने बताया कि मंत्रिमंडल विस्तार 14 दिसंबर तक हो सकता है. उन्होंने ये भी बताया कि बीजेपी के मुख्यमंत्री समेत 21 -22 मंत्री पद रखने की संभावना है. वहीं चार-पांच मंत्री पद खाली रखे जा सकते हैं. वहीं बताया जा रहा है कि शिवसेना के 12-13 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है.
शिवसेना के 12-13 विधायक बन सकते हैं मंत्री
उपमुख्यमंत्री एवं शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के कार्यालय ने बताया कि शिंदे दिल्ली यात्रा नहीं कर रहे हैं. इससे पहले खबर थी शिंदे गृह मंत्रालय की मांग कर रहे हैं, हालांकि बीजेपी इसे हर हाल में अपने पास रखना चाहती है. बताया जा रहा है कि शिंदे के जो नेता सरकार में मंत्री बन सकते हैं उनमें गुलाबराव पाटिल, उदय सामंत, विजय शिवतारे, शंभुराज देसाई, तानाजी सावंत, दीपक केसरकर, भरतशेठ गोगावले, संजय शिरसाट, प्रताप सरनाईक, अर्जुन खोतकर और दादा भुसे का नाम शामिल है.