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पायलट को सीएम नहीं बनाया, तो समाज ने कांग्रेस को सिखाया सबक

जयपुर। रिपोर्ट टाइम्स।

भारतीय राजनीति में सामाजिक संतुलन और प्रतिनिधित्व एक महत्वपूर्ण विषय रहा है। हर वर्ग और समुदाय अपनी हिस्सेदारी को लेकर सतर्क रहता है, खासकर जब बात सरकार में प्रतिनिधित्व की हो। इसी संदर्भ में, बीजेपी नेता विजय बैंसला ने भजनलाल सरकार और मौजूदा सरकार के बीच गुर्जर कैबिनेट मंत्रियों की संख्या पर सवाल उठाए हैं।

 

बीजेपी नेता विजय बैंसला ने जयपुर में गुर्जर कर्मचारी अधिकारी कल्याण परिषद के कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुए कहा कि पिछली सरकार की तुलना में मौजूदा सरकार में गुर्जर कैबिनेट मंत्रियों की संख्या संतोषजनक नहीं है। उन्होंने बेबाकी से कहा, “सच्चाई तो बोलनी पड़ेगी, पिछली सरकार में जितने कैबिनेट मिनिस्टर थे और अब जितने हैं, मजा नहीं आया।”

बैंसला ने आगे कहा कि समाज के प्रतिनिधित्व में इस अंतर को स्वीकार कर लेना उचित नहीं है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर का हवाला देते हुए कहा, “कृष्णपाल जी ने भी कहा है, ऐसे नहीं तो वैसे लेना तो पड़ेगा और हम लेंगे।” उनके इस बयान ने राजनीतिक हलकों में चर्चा को जन्म दे दिया है।

पायलट को सीएम नहीं बनाने पर समाज ने दिया जवाब

कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कांग्रेस के भीतर की राजनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया तो गुर्जर समाज ने अपनी ताकत दिखाते हुए कांग्रेस को सबक सिखाया। उन्होंने कहा, “राजस्थान का समाज बहुत मजबूत है। यह जब किसी को देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है, और जब लेने की बारी आती है, तो चमड़ी तक उधेड़ लेता है।”

कृष्णपाल का पायलट को सीधे संदेश

कृष्ण पाल गुर्जर ने सचिन पायलट से मुखातिब होते हुए कहा कि जब पायलट प्रदेश अध्यक्ष थे, तो समाज ने उन्हें भारी वोट दिए थे, लेकिन बदले में वह अपेक्षित प्रतिनिधित्व से वंचित रहे। उन्होंने कहा, “आप प्रदेश अध्यक्ष थे, तो समाज ने छप्पर फाड़ कर वोट दिया। लेकिन उसके बदले में कुछ नहीं मिला। समाज ने फिर भी वह करके दिखाया जो मैं कह रहा था।”

समाज को जोड़ने का महत्व

सचिन पायलट ने अपने बयान में कहा कि कठिन समय में समाज को जोड़ने की जिम्मेदारी उठाना बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “कड़वा घूंट पीकर भी लोगों को एकत्रित करने वाला नेता लंबे समय तक याद किया जाता है।” पायलट ने यह भी कहा कि यह विशाल देश और राज्य है, जहां अलग-अलग विचारधाराएं हो सकती हैं, लेकिन हमें एक-दूसरे के दृष्टिकोण को समझ कर समाज के भले के लिए काम करना चाहिए।

समाज हित को प्राथमिकता

सचिन पायलट और कृष्णपाल गुर्जर दोनों ने समाजहित को सर्वोपरि बताया और यह कहा कि उनके विचार और दल भले ही अलग हों, लेकिन उनका उद्देश्य एक ही है- समाज को मजबूत बनाना और समाज के लिए काम करना। पायलट ने इस बात पर जोर दिया कि हम अगर उदाहरण प्रस्तुत करें और लोगों को समझाएं तो इससे समाज को प्रेरणा मिलती है।

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