रामगढ़। रिपोर्ट टाइम्स।
राजस्थान के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व से बुरी खबर है। यहां बाघ RVTR-4 की मौत की खबर आई है। वन विभाग की टीम को जंगल में बाघ का शव पड़ा मिला। बताया जा रहा है कि टाइगर रिजर्व में दो बाघों के बीच क्षेत्राधिकार को लेकर जंग छिड़ गई। दोनों में काफी देर तक फाइट हुई, जिसमें बाघ की मौत हो गई।
रामगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघ की मौत
बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में सरिस्का से लाए गए बाघ RVTR-4 की मौत की खबर है। वन विभाग की टीम को बाघ का शव जंगल में पड़ा मिला। इस बाघ को सरिस्का टाइगर रिजर्व से 11 नवंबर को रामगढ़ टाइगर रिजर्व लाया गया था। 27 दिन पहले उसे एनक्लोजर से निकालकर जंगल में छोड़ा गया। बाघ RVTR-4 तीन साल का युवा नर बाघ था, काफी तंदरुस्त था। अभी बाघ की मौत के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही बाघ की मौत के कारणों का पता लग पाएगा।
रणथम्भौर से आए बाघ से हुई फाइट !
रामगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघ की मौत के पीछे वर्चस्व की लड़ाई को कारण माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि बाघ RVTR-4 की रणथम्भौर टाइगर रिजर्व से चलकर आए बाघ से से भिड़ंत हुई। रणथम्भौर से आया बाघ भी रामगढ़ टाइगर रिजर्व में टेरिटरी बना रहा है, वहीं RVTR-4 भी टेरिटोरियल बना रहा था। इसी दौरान क्षेत्राधिकार के वर्चस्व को लेकर दोनों के बीच फाइट हो गई, जिसमें RVTR-4 की मौत हो गई।
छह महीने में दो बाघों की मौत
रामगढ़ टाइगर रिजर्व में पिछले छह महीने बाघ की मौत का यह दूसरा मामला है। इससे पहले 15 सितंबर को जंगल में बाघिन RVT-2 का शव मिला था। बाद में बताया गया कि बाघिन की नेचुरली डेथ हुई। मगर अब फिर से रामगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघ की मौत हुई है। जिसके बाद रामगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं। वन्यजीव प्रेमी भी बाघ की मौत पर दुख जताते हुए बाघों की सुरक्षा को और पुख्ता करने की बात कह रहे हैं।