रिपोर्ट टाइम्स।
इस बयान पर कांग्रेस विधायकों ने वेल में उतरकर जोरदार हंगामा किया। विपक्ष ने मंत्री से बयान वापस लेने की मांग की, जबकि सत्ता पक्ष ने इसे अनावश्यक विवाद बताया। दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस होती रही, जिससे सदन में कार्यवाही बाधित हो गई।इस घटना ने सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच खींचतान को और गहरा कर दिया है। कांग्रेस ने इसे भाजपा सरकार की सोची-समझी रणनीति करार दिया, जबकि भाजपा ने विपक्ष पर बजट सत्र में व्यवधान डालने का आरोप लगाया।
स्पीकर की टेबल तक पहुंचे विधायक, कार्यवाही स्थगित
राजस्थान विधानसभा में शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लेकर दिए गए बयान पर विपक्ष भड़क उठा। मामला इतना बढ़ गया कि कांग्रेस विधायकों ने सदन के वैल में आकर नारेबाजी शुरू कर दी।
हंगामे को शांत करने की कोशिश संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने की। उन्होंने कहा कि “दादी” एक सम्मानजनक शब्द है, लेकिन तब तक कांग्रेस विधायक स्पीकर की टेबल तक पहुंच चुके थे। बढ़ते हंगामे को देखते हुए स्पीकर ने सुबह 11:36 बजे कार्यवाही को 30 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। जब 12:36 बजे कार्यवाही फिर शुरू हुई, तब भी हंगामा जारी रहा, जिससे कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल का बयान
विधानसभा के बाहर मीडिया से बात करते हुए संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि “हमारे मंत्री तथ्यात्मक जवाब दे रहे थे, लेकिन कांग्रेस को लगा कि प्रभावी जवाब दिया जा रहा है, इसलिए जानबूझकर व्यवधान डालने की कोशिश की गई।”
पटेल ने कहा, “हमारी संसदीय भाषा में ‘दादी-दादा’ जैसे शब्द अपमानजनक नहीं हैं। महात्मा गांधी को भी दादा कहा जाता है। इंदिरा गांधी को ‘दादी’ कहना अनपार्लियामेंट्री नहीं हो सकता।” पटेल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस विधायकों ने स्पीकर के पास पहुंचकर उन्हें धमकाने और छीना-झपटी की कोशिश की। उन्होंने कहा कि अगर स्पीकर ने कार्यवाही स्थगित नहीं की होती, तो कोई अप्रिय घटना हो सकती थी।
विपक्ष का पलटवार
विपक्ष का कहना है कि सरकार सदन में असंवैधानिक भाषा का उपयोग कर रही है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। इस मुद्दे पर राजनीतिक संग्राम तेज होने की संभावना है। अब देखने वाली बात यह होगी कि यह राजनीतिक घमासान आगे और कितना तूल पकड़ता है और क्या विधानसभा में इस मुद्दे को लेकर सत्ता और विपक्ष के बीच तनातनी जारी रहेगी?
राजस्थान विधानसभा में शनिवार को प्रश्नकाल के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर की गई टिप्पणी से सियासी माहौल गरमा गया। सदन में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने एक सवाल के जवाब में इंदिरा गांधी का जिक्र करते हुए टिप्पणी की, जिस पर विपक्ष भड़क उठा।
मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा, “पिछले बजट 2023-24 में हर बार की तरह आपने अपनी दादी इंदिरा गांधी के नाम पर इस योजना का नाम रखा था।” इस टिप्पणी को लेकर विपक्ष आगबबूला हो गया। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा, “यह क्या बकवास है? इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री रही हैं, उनके लिए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।”