Report Times
latestOtherकरियरकार्रवाईक्राइमजयपुरटॉप न्यूज़ताजा खबरेंराजनीतिराजस्थानस्पेशल

IIT कार्यालय भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी, कुलसचिव ने 3 पर कराया केस

REPORT TIMES : देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में से एक IIT जोधपुर से एक बड़ी और गंभीर गड़बड़ी सामने आई है. IIT कार्यालय की भर्ती प्रक्रिया में धोखाधड़ी और आधिकारिक प्रक्रियाओं के उल्लंघन का मामला उजागर हुआ है, इस सिलसिले में तीन आरोपियों लख सिंह, प्रशांत भारद्वाज और रोबिन सिंह कंतूरा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताएं 

IIT जोधपुर के कार्यवाहक कुलसचिव डॉ. अंकुर गुप्ता की ओर से करवड़ थाने में मामला दर्ज कराया गया है. आरोप है कि 1 दिसंबर 2019 से लेकर 31 अगस्त 2023 के बीच की अवधि में भर्ती प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं और धोखाधड़ी की गई. इस गड़बड़ी ने IIT जैसी प्रतिष्ठित संस्था की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

नियमों को दरकिनार किया दिया गया लाभ 

सूत्रों के अनुसार, भर्ती परीक्षा में ना केवल प्रक्रियाओं की अनदेखी की गई, बल्कि नियमों को दरकिनार कर अनुचित लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई. पुलिस अब सभी दस्तावेज और तकनीकी पक्षों की जांच में जुटी है. यह मामला शिक्षा जगत में पारदर्शिता और ईमानदारी की आवश्यकता पर एक बार फिर से गंभीर सवाल खड़ा करता है.

दस्तावेज की जांच की जा रही है 

जोधपुर के करवड थाने में दर्ज एफआईआर के बाद थाना अधिकारी लेखराज सियाग का कहना है कि आईआईटी के कार्यवाहक कुलसचिव अंकित गुप्ता ने रिपोर्ट दी है, और जो दस्तावेज दिए हैं उनकी जांच की जा रही है. साथ ही साथ एफएसएल में भेज कर भी इसकी जांच करवाई जाएगी, जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई की जाएगी. इस मामले में आईआईटी के पीआरओ प्रीतिंदर कौर को फोन किया गया, लेकिन उनका फोन नहीं उठा.

Related posts

IPL 2024: CSK vs KKR मैच से पहले जानें, दोनों टीमों के हेड टू हेड आंकड़े और संभावित प्लेइंग 11

Report Times

ग्राम मालुपुरा में आयोजित किया गया प्रशिक्षण एवं आदान वितरण कार्यक्रम

Report Times

इतना ही नहीं, विधानसभा परिसर में शरद पवार के बेहद करीबी समझे जाने वाले नेता जयंत पाटिल के साथ अजित गुट के नेता तटकरे की मुलाकात भी खासे चर्चा में रही है. इसलिए अजित गुट के अलग होने के बाद भी शरद पवार का अजित पवार के साथ मेलजोल विपक्षी पार्टियों को रास नहीं आ रहा है. पवार परिवार राजनीति में नाटकीय फैसलों के लिए जाना जाता रहा है. इसलिए शरद पवार द्वारा पीएम के साथ इस वक्त मंच साझा करना विपक्षी एकता के लिए शुभ संकेत नहीं माना जा रहा है. वैसे भी अजित गुट लगातार दावा कर रहा है कि एनसीपी के दिग्गज शरद पवार को एनडीए खेमे में लाने की तैयारी में वो प्रयासरत है. मंच साझा करना शिष्टाचार या बदलाव की तैयारी? शरद पवार की सियासी चाल शतरंज में घोड़े की तरह होती है. शरद पवार कभी भी सीधी चाल चलने के लिए नहीं जाने जाते हैं. महाराष्ट्र में पहली बार सीएम बनने से लेकर एनसीपी के निर्माण तक के शरद पवार के फैसले हैरान करने वाले रहे हैं. हाल के दिनों में एनसीपी से सन्यास लेने की घोषणा के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर नाटकीय अंदाज में वापसी शरद पवार की असली राजनीतिक पहचान की बानगी है. मुंबई की तीसरी मीटिंग से पहले पीएम मोदी के साथ मंच साझा करने के साथ ही शरद पवार हर संभावनाओं को खुला रख रहे रहे हैं. शरद पवार अपने वर्तमान घटक दलों को ये मैसेज तो दे ही रहे हैं कि उनके लिए एनडीए बाहें फैलाए खड़ा है. दरअसल शरद पवार एनडीए और INDIA के बीच अपने राजनीतिक भविष्य के आकलन में जुटे हैं. शरद पवार जानते हैं कि लोकसभा की कम से कम 11 सीटों पर एनसीपी का दबदबा उन्हें महत्वपूर्ण बनाता है. इसलिए सत्ता के संतुलन में एनसीपी की भूमिका कहां बेहतर होगी इसको लेकर सधी हुई चाल को चलने में लगे हुए हैं. वैसे भी शरद पवार ऐसे राजनीतिज्ञ हैं, जो तमाम पीएम के साथ बेहतर संबध रखने के लिए जाने जाते हैं. एनसीपी में टूट के बाद शरद पवार की बेटी सांसद सुप्रिया सूले ने पीएम नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला किया था. लेकिन शरद पवार पीएम मोदी की सीधी आलोचना से तब भी बचते नजर आ रहे थे. विपक्षी एकता INDIA की तीसरी बैठक मुंबई में होने वाली है और उससे पहले लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में शरद पवार की मौजूदगी ने तीसरी मुलाकात से पहले राजनीतिक खेला होने की आशंका को काफी बढ़ा दिया है. विपक्ष की टेंशन इस बात को लेकर है कि शरद पवार INDIA की मजबूत पड़ते आधार को भतीजे अजित पवार की तर्ज पर कमजोर करने की कवायद तो नहीं कर रहे हैं.

Report Times

Leave a Comment