REPORT TIMES : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में सोमवार यानी 14 जुलाई को राजस्थान सरकार की कैबिनेट बैठक आयोजित की गई. कैबिनेट बैठक के बाद डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा, जोगाराम पटेल, सुमित गोदारा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कैबिनेट मीटिंग में लिए गए फैसले के बारे में जानकारी दी है. कैबिनेट बैठक में नगरीय विकास, मेडिकल ट्यूरिजम और कर्मचारी सेवा नियमों में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं.
RPSC में बढ़ेंगे सदस्य
राजस्थान कैबिनेट की बैठक में अनुकंपा नियुक्तियों को लेकर बड़ा फैसला लिया गया. इसके अलावा राजस्थान लोकसेवा आयोग में सदस्यों की संख्या बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया है. राज्य सरकार ने राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) में सदस्यों की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया है. जेल में बंद RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा के खिलाफ कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति से आग्रह किया गया है. मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि आयोग की गरिमा और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया है.
कैबिनेट बैठक के अहम फैसले
- मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय किया गया कि अब पूर्ण दिव्यांग राज्यकर्मियों के परिजनों को भी अनुकंपा नियुक्ति का लाभ दिया जाएगा. इससे पहले यह सुविधा केवल मृतक या आकस्मिक रूप से अक्षम कर्मचारियों तक सीमित थी.
- सरकार ने अनुकंपा नियमों में यह शिथिलता संवेदनशीलता के आधार पर दी है, जिससे गंभीर रूप से दिव्यांग कर्मचारियों के परिवारों को आर्थिक सुरक्षा मिल सके.
- बैठक में राजस्थान शिक्षा सेवा नियमों में भी संशोधन को मंजूरी दी गई. इसके तहत नियुक्तियों, पदोन्नति और सेवा शर्तों को अधिक पारदर्शी और व्यावहारिक बनाया जाएगा.
- वर्ष 2025-26 में पदोन्नति के लिए 2 वर्ष की छूट दी जाएगी. यह छूट ऐसे कर्मचारियों को दी जाएगी, जिन्होंने विगत वर्षों में पदोन्नति का लाभ नहीं लिया है.
- इसके साथ ही कुछ महाविद्यालयों के नाम भी बदले गए. जोधपुर जिले के ओसियां स्थित राजकीय महाविद्यालय का नाम अब शहीद गोरखनाथ महाविद्यालय होगा. सरकार का कहना है कि यह नामकरण शहीदों को सम्मान देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
- राजस्थान लोकसेवा आयोग में सदस्यों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. अब तक आयोग (RPSC) में सात सदस्य होते थे, जिसे बढ़ाकर दस किया जाएगा.
- सरकार ने टाउनशिप पॉलिसी 2010 को खत्म कर उसकी जगह टाउनशिप पॉलिसी 2024 लागू करने का निर्णय लिया है. नई नीति को और अधिक पारदर्शी, जनोन्मुखी और नियोजित विकास के अनुकूल बनाया गया है.
नई टाउनशिप पॉलिसी में क्या है?
नई टाउनशिप पॉलिसी में हर कॉलोनी में 7 प्रतिशत क्षेत्र खेल मैदान के लिए अनिवार्य रूप से आरक्षित रहेगा. 8 प्रतिशत क्षेत्र ‘सुविधा क्षेत्र’ जैसे स्कूल, अस्पताल के लिए नियत होगा. डेवलपर को टाउनशिप का रखरखाव 5 वर्षों तक करना अनिवार्य होगा. बफर जोन के लिए न्यूनतम आरक्षित भूमि सुनिश्चित की जाएगी. राजस्थान लैंड पुलिंग स्कीम 2016 के नियमों का पालन अनिवार्य होगा. इसके अलावा, नीति के प्रभावी क्रियान्वयन और निगरानी के लिए राज्यस्तरीय निगरानी समिति का गठन किया जाएगा. यह समिति योजनाओं की प्रगति की समीक्षा और ज़मीनी क्रियान्वयन की निगरानी करेगी