REPORT TIMES : राजस्थान के बीकानेर शहर में गुरुवार दोपहर ‘खेजड़ी बचाओ’ को लेकर कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन इतना उग्र हो गया कि पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा. इस दौरान प्रदर्शनकारी और पुलिस के बीच तीखी झड़प हुई और पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठियां भांजीं.
कांग्रेस नेता भंवर कूकणा की अगुवाई में प्रदर्शन
यह पूरा घटनाक्रम आज दोपहर को हुआ जब कांग्रेस के युवा नेता भंवर कूकणा की अगुवाई में सैकड़ों प्रदर्शनकारी जिला कलेक्ट्रेट की ओर बढ़ रहे थे. उनका मकसद था कलेक्ट्रेट पहुंचकर अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपना और सरकार का ध्यान इस गंभीर मुद्दे की ओर खींचना. लेकिन, उनका मार्च शांतिपूर्ण नहीं रहा.
बैरिकेडिंग तोड़कर कलेक्ट्रेट में घुसने की कोशिश
कलेक्ट्रेट के गेट पर पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कर रखी थी और प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग लगाई गई थी. प्रदर्शनकारियों ने इन बैरिकेड्स को तोड़कर कलेक्ट्रेट परिसर में घुसने की कोशिश की, जिसके बाद स्थिति बिगड़ गई. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गई.
‘पुलिस ने चेतावनी दी थी, लेकिन कोई नहीं माना’
चश्मदीदों ने बताया कि प्रदर्शनकारी बेहद गुस्से में थे और लगातार सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. जब उन्होंने बैरिकेड्स को तोड़कर आगे बढ़ना चाहा, तो पुलिस ने पहले उन्हें चेतावनी दी, लेकिन जब वे नहीं माने तो लाठीचार्ज करना पड़ा. इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों को चोटें भी आई हैं.
‘खेजड़ी बचाओ’ क्यों है इतना बड़ा मुद्दा?
राजस्थान के लिए खेजड़ी का पेड़ सिर्फ एक पेड़ नहीं, बल्कि यह यहां की संस्कृति, परंपरा और जीवन का हिस्सा है. इसे राजस्थान का कल्पवृक्ष भी कहा जाता है. रेगिस्तानी इलाकों में यह पेड़ जीवन का आधार है. इसकी लकड़ी, फलियां (सांगरी), और पत्तियां (लूंग) यहां के लोगों के लिए कई तरह से उपयोगी हैं. पिछले कुछ समय से राज्य में खेजड़ी के पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की खबरें आ रही हैं, जिससे पर्यावरण प्रेमियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं में भारी गुस्सा है. यह प्रदर्शन उसी गुस्से का नतीजा है. कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा रही है और सरकार पर लापरवाही का आरोप लगा रही है.
भंवर कूकणा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘सरकार को खेजड़ी के पेड़ों की सुरक्षा के लिए तुरंत ठोस कदम उठाने चाहिए. यह सिर्फ एक पेड़ का नहीं, बल्कि हमारे पर्यावरण और हमारी आने वाली पीढ़ियों के भविष्य का सवाल है.’ उन्होंने पुलिस द्वारा किए गए बल प्रयोग की भी निंदा की और इसे सरकार की दमनकारी नीति बताया.