Report Times
latestOtherकरियरजयपुरटॉप न्यूज़ताजा खबरेंराजनीतिराजस्थानस्पेशल

‘सण की संटी सण में आगई, ब्याण वसुंधरा गुर्जरां न भा गई’ चुनावों से पहले वसुंधरा राजे की सोशल इंजीनियरिंग!

REPORT TIMES 

झालावाड़: राजस्थान में चुनावी सरगर्मियों के बीच पूर्व सीएम वसुंधरा राजे एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है जहां राजे इन दिनों अपने विधानसभा क्षेत्र के दौरै पर है. राजे झालावड़ जिले की विधानसभाओं में गांव-गांव जाकर लोगों से संपर्क कर रही है. इसी कड़ी में बुधवार को पूर्व सीएम कंकरिया गांव में आयोजित गुर्जर समाज के सामूहिक विवाह सम्मेलन में शामिल हुई. राजे के सम्मेलन में पहुंचने पर वहां एक सुखद तस्वीर देखने को मिली जहां गुर्जर समाज की महिलाओं ने राजे के अपनी समधन होने का रिश्ता याद दिलाया. वहीं राजे ने भी महिलाओं का अभिवादन स्वीकार किया. इस दौरान महिलाओं ने राजे के स्वागत में लोकगीत गाते हुए कहा कि – ‘सण की संटी सण म आगई, ब्याण वसुंधरा गुर्जरां न भा गई’. इधर राजे का गुर्जर समाज के बीच मौजूद होना और इशारों में समाज को संदेश देने के पीछे उनकी चुनावों से पहले की जाने वाली सोशल इंजीनियरिंग से जोड़कर देखा जा रहा है. मालूम हो कि 2018 में गुर्जर समाज ने एकतरफा सचिन पायलट के समर्थन में उनके लोगों को वोट किया था जिसके बाद बीजेपी का एक भी गुर्जर प्रत्याशी नहीं जीत पाया था. मालूम हो कि राजे के बेटे सांसद दुष्यंत सिंह की पत्नी निहारिका गुर्जर समाज की बेटी है जिसके चलते समाज ने राजे से अपना नाता बताते हुए मनुहार की. हालांकि राजे की बहू निहारिका की काफी समय से तबियत खराब होने के चलते वह सम्मेलन में नहीं शामिल हुई थी.

‘जो साथ दे उसका साथ दो’

राजे ने गुर्जर महिलाओं को चूड़ियां पहनाने के बाद पूर्व सीएम राजे ने अपने भाषण की शुरूआत में देवनारायण भगवान की जय बोलकर अपनी बात कहना शुरू किया. दरअसल राजे ने चुनावों से पहले गुर्जर समाज से कनेक्ट याद कर उन्हें साधने की कोशिश की है जिसे सचिन पायलट को खुले तौर पर एक चैलेंज के रूप में भी देखा जा रहा है.वहीं राजे ने गुर्जर समाज की समधन होने के अपने रिश्ते को याद करते हुए कहा कि समाज में जो भी कुरीतियां फैली हुई है हमें उन्हें त्यागने का वचन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि गुर्जर समाज के साथ उन्हें अपने रिश्ते को समय-समय पर याद दिलाना पड़ता है. वहीं राजे ने अपने भाषण के दौरान इशारों में कहा कि दोनों तरफ रहने में कोई फायदा नहीं है, जो समाज के साथ खड़ा रहे उसका साथ देना चाहिए.

गुर्जर समाज का चुनावों में अहम रोल

राजस्थान में चुनावों से पहले बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों की नजर गुर्जर समाज को भुनाने पर है. आंकड़ों के लिहाज से देखें तो समाज का प्रभाव राजस्थान की 30-35 सीटों पर साफ तौर पर देखा जा सकता है. हालांकि गुर्जर समुदाय परंपरागत तौर पर बीजेपी के साथ रहा है लेकिन 2018 में यह समीकरण बदल गए थे जब सचिन पायलट की लहर में एक भी बीजेपी का गुर्जर प्रत्याशी जीत दर्ज नहीं कर पाया था.2018 में बीजेपी ने 9 गुर्जर समुदाय के लोगों को टिकट दिया था जिसमें से सभी हार गए थे. वहीं कांग्रेस ने 12 गुर्जर समाज के प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा था जहां 7 प्रत्याशी जीते थे. इसके अलावा बीजेपी आलाकमान का फोकस इन दिनों पूर्वी राजस्थान पर ज्यादा है जिसे भी गुर्जर समाज को साधने के तौर पर देखा जा रहा है.

Related posts

Imran Khan’s security : हत्‍या की आशंका पर PM शहबाज शरीफ ने बढ़ाई इमरान खान की सुरक्षा, राज्‍य सरकारों को भी दिए निर्देश

Report Times

श्री पीठ महालक्ष्मी धाम में धार्मिक अनुष्ठान में धन तेरस पर विश्व कल्याण को लेकर दी आहुतियां, दिनभर होगा अभिमंत्रित कुबेर कलश और श्री यंत्र का वितरण

Report Times

पाक खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करने वाला विशाल यादव 4 दिन की रिमांड पर, करीबियों से भी होगी पूछताछ!

Report Times

Leave a Comment