जयपुर। रिपोर्ट टाइम्स।
राजस्थान के शहरी विकास में नया अध्याय जुड़ने जा रहा है! प्रदेश की वित्त मंत्री दिया कुमारी ने बजट 2025-26 में एक महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है, जिसके तहत राजस्थान के 16 शहरों को क्लीन एंड ग्रीन इको सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। यह योजना न केवल इन शहरों की सूरत बदलेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के नए मानक भी स्थापित करेगी।
केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना की तर्ज पर राजस्थान सरकार ने बूंदी, नाथद्वारा, खाटूश्यामजी, माउंटआबू, बालोतरा, सवाई माधोपुर, भरतपुर, बीकानेर, अलवर, जोधपुर, जैसलमेर, किशनगढ़, भिवाड़ी, भीलवाड़ा, मंडावा और पुष्कर को अगले तीन वर्षों में आधुनिक, स्वच्छ और हरित शहर के रूप में विकसित करने का ऐलान किया है। इस परियोजना के लिए 900 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है।
सरकार की इस नई पहल का उद्देश्य शहरी सौंदर्यीकरण, हरित क्षेत्र का विस्तार, कचरा प्रबंधन, स्मार्ट परिवहन और प्रदूषण नियंत्रण जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को बढ़ावा देना है। इस योजना से इन शहरों में न केवल पर्यावरणीय सुधार होगा, बल्कि पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
राजस्थान में लागू होगी स्क्रैप व्हीकल पॉलिसी
राजस्थान सरकार ने 15 साल से अधिक पुराने वाहनों के उपयोग को रोकने के लिए राजस्थान स्क्रैप व्हीकल पॉलिसी लागू करने की घोषणा की है। इस नीति का उद्देश्य प्रदूषण को नियंत्रित करना और सड़कों पर नए व ईंधन-कुशल वाहनों को बढ़ावा देना है। सरकार ने शहरी क्षेत्रों में ग्रीन लंग्स के विकास के लिए भी 43 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बनाई है।
स्वंय सहायता समूह की महिलाओं को मिलेगा प्रशिक्षण
राजस्थान सरकार ने सोलर दीदी नामक एक नई योजना की घोषणा की है, जिसके तहत पहले चरण में स्वंय सहायता समूह की 25,000 कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना के तहत महिलाओं को सौर ऊर्जा उपकरणों से संबंधित व्यवसायों में दक्ष बनाया जाएगा, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकेंगी।
गोबर गैस प्लांट लगाने पर मिलेगी सब्सिडी
राजस्थान सरकार ने राज्य में गोबर गैस प्लांट लगाने के लिए सब्सिडी देने का ऐलान किया है। यह योजना किसानों और पशुपालकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के साथ-साथ स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए लाई गई है।
वित्त मंत्री दिया कुमारी ने बजट में गौशालाओं और नंदीशालाओं के अनुदान में 15% वृद्धि करने की घोषणा की है। इसके अलावा, गौशालाओं को बाजरा उपलब्ध कराने का भी विकल्प दिया जाएगा, जिससे गोवंश के पोषण में सुधार होगा। पशु चिकित्सा संस्थानों को भी क्रमोन्नत करने का ऐलान किया गया है, जिससे पशुओं के बेहतर इलाज की सुविधा सुनिश्चित हो सके।