शिवनगरी के शिवालयों की श्रृंखला में आज हम पहुंचे हैं 250 से भी अधिक साल पहले बने राधा-कृष्ण मंदिर में…
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https://youtu.be/Ch_HaD-61Pk
श्री कृष्ण गौशाला के बिल्कुल पास वाली गली में सीढ़ियां चढ़कर इस मंदिर में पहुंचा जा सकता है। मन्दिर बनने की कहानी बड़ी ही रोचक है। खूबीराम कनोरिया(सैन) व मनकोरी देवी के यजमान डालमिया परिवार के यहां एक मांगलिक कार्य के दौरान डालमिया जी ने उनके काम से खुश होकर कुछ मांगने को कहा तो उन्होंने रहने के लिए एक है हवेली और एक ऊंची सीढ़ियों का मंदिर मनवाकर देने की बात कही। डालमिया परिवार ने गौशाला रोड पर तामड़ायत मोहल्ले में हवेली और गौशाला के पास इस मंदिर का निर्माण कर मन्दिर की देखरेख का जिम्मा भी इनके परिवार को सौंप दिया। तब से अब लगातार 6 पीढ़ियों से खूबीराम जी का परिवार इस मंदिर को संभाल रहा है। सीढ़ियों से चढ़कर मन्दिर में प्रवेश करते ही बाईं तरफ सभामण्डप में बने गर्भ गृह में विराजे हैं भगवान राधाकृष्ण। इनके चरणों के पास विराजे हैं सैन समाज के आराध्य सैनजी महाराज। इस गर्भगृह के बाहर सभामण्डप के बाईं तरफ बना है शिवालय। शिवालय में शिवलिंग के साथ गणेश जी और नन्दी विराजे हैं। ऊपर की तरफ माता पार्वती विराजित हैं
इस मंदिर के बिल्कुल सामने उत्तराभिमुख मण्ड में विराजी हैं सैन समाज की आराध्य नारायणी माता। वहीं चौक में एक विशाल पीपल का वृक्ष भी लगा है। इसके बिल्कुल पीछे एक मण्ड में हनुमानजी महाराज की सिंदुर्वदन मूर्ति स्थापित है। इतने देवी-देवताओं के निवास स्थल इस देवालय की हालत वर्तमान में काफी दयनीय हो गई है। अगर समय रहते इस मंदिर का जीर्णोद्धार नहीं हुआ तो मंदिर की छत और दीवारें कभी भी गिर सकती है। रिपोर्ट टाइम्स इस रिपोर्ट में मन्दिर की जर्जर हालत से आपको रूबरू करा रहा है। अब भामाशाहों, दानवीरों और धर्मप्रेमियों को आगे आकर इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाने की पहल करनी चाहिए। जिससे कि भगवान की इस दर पर कोई डर के ना आए। मन्दिर निर्माण में सहयोग करने के लिए विमल कनोरिया (बाबा) से सम्पर्क कर सकते हैं। अब दीजिए इजाजत..कल फिर मिलेंगे… हर हर महादेव..