चिड़ावा यानी शिवनगरी के शिवालयों की श्रृंखला में आज हम पहुंचे हैं चिड़ावा रेलवे स्टेशन के पास मलसीसरिया फार्म हाउस के नजदीक से अंडर पास की ओर जाने रास्ते पर बने शिवालय में।
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https://youtu.be/rjEEuBLpNuM
इस शिवालय की कहानी भी बड़ी रोचक है। मालीराम योगी शिव में आस्था रखते थे और भगवान आशुतोष के परम भक्त थे। 1982 में वे शिव लोक को सिधार गए। उनको जोगियों की इस बगीची में समाधि दी गई और समाधि देने के बाद उनके पुत्रों ने समाज के लोगों से चर्चा कर शिवभक्त पिता की स्मृति में शिवालय निर्माण कराया। कुछ साल पूर्व इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया। मंदिर में प्रवेश करते ही सामने बना है शिवालय। शिवालय की खास बात ये है कि इस शिवालय के द्वार के निकट दाहिनी तरफ हनुमान जी महाराज के दो विग्रह भी विराजे हैं। वहीं शिवालय में करीब 5 फिट नीचे सीढ़ियों से उतरने पर स्थापित है शिवलिंग। शिवलिंग के बिल्कुल पास में ही माता पार्वती, कार्तिकेयजी, गणेशजी और नन्दी महाराज विराजे हैं। विशेष बात ये है कि यहां पर नन्हें-नन्हें बच्चे भी भोलेनाथ की पूजा करने आते हैं और बड़ी तन्मयता से परिजनों के सानिध्य में पूजा अर्चना भी करते हैं। भगवान आशुतोष को प्रतिदिन चंदन का लेप समर्पित करते हैं। वहीं यहां संस्कृत के प्रकांड विद्वान शिक्षक पं. कैलाश चतुर्वेदी भी संस्कृत श्लोकों, रुद्र अष्टाध्यायी, रुद्राष्टक, आरती आदि के माध्यम भगवान को ध्याने इस दरबार में पहुंचते हैं। यहां पर इन्होंने आरती, पंचाक्षर मंत्र आदि के बैनर भी लगाएं हैं ताकि आने वाला भक्त इन्हें पढ़कर भगवान का वंदन कर सके। वर्तमान में हजारीलाल योगी और पूरा योगी परिवार मंदिर की देखरेख कर रहा है। मंदिर परिसर में पेड़-पौधे लगाकर इसे सुंदर बनाने का प्रयास हो रहा है। भगवान और भक्त के अद्भुत मिलन स्थल पर एक बार जरूर आइए और आशुतोष के नयनाभिराम दर्शनों का पुण्य लाभ उठाइए। अब दें हमें इजाजत..कल फिर मिलेंगे एक और देवालय में…हर हर महादेव…