शिव नगरी के शिवालयों की श्रृंखला में आज हम पहुंचे हैं चिड़ावा से सेहीकलां की ओर जाने वाले रास्ते पर बने इच्छापूर्ण चोटी वाले हनुमान जी महाराज के मंदिर में।
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https://youtu.be/5_iooqYG66k
इस मंदिर का प्रवेश द्वार काफी आकर्षक है और प्रवेश द्वार पर राम,लक्ष्मण, जानकी और हनुमान विराजे हैं। वहीं इनके एक तरफ गणेश जी महाराज और दूसरी तरफ भगवान शंकर की मूर्ति लगी हुई है। प्रवेश द्वार से अंदर प्रवेश करेंगे तो आप देखे कि सामने एक विशाल गुंबद बना हुआ है गुंबद के इस मंदिर परिसर के सभागृह में विराजे हैं हनुमान जी महाराज। हनुमान जी महाराज की सिंदूरवदन आकर्षक मूर्ति यहां पर स्थापित है। वहीं इस गर्भगृह से बाहर निकलते ही बाईं तरफ चौकी पर विराजे हैं गणेश जी महाराज और पास में ही ऊपर माता दुर्गा की आकर्षक तस्वीरें यहां पर लगी हुई हैं वहीं यहां पर आप देखेंगे कि साईं बाबा भी विराजे हैं। मंदिर के दूसरी तरफ देखेंगे कि यहां पर दो नन्हे बाल गोपाल विग्रह झूले में विराजित हैं। इस झूले के बिल्कुल पीछे बना है शिवालय। शिवालय में भगवान आशुतोष के साथ ही माता पार्वती, गणेश जी, कार्तिकेय जी और नंदी महाराज विराजे हैं शिवलिंग के बिल्कुल पास में त्रिशूल और डमरु भी विराजित है.। वही शिवालय के पीछे एक तरफ भगवान विश्वकर्मा और शनि महाराज की तस्वीर भी लगी है। शनि महाराज का प्रतीकात्मक स्वरूप भी यहां विराजित है। शनिवार को काफी संख्या में श्रद्धालु यहां पूजा करने के लिए आते हैं। वहीं दूसरी तरफ यहां पर श्याम प्रभु की विराजे हैं। श्री श्याम प्रभु की बड़ी आकर्षक तस्वीर यहां पर लगी हुई है और इस तस्वीर के बिल्कुल नीचे श्याम बाबा की एक मूर्ति भी स्थापित है इस मूर्ति के बिल्कुल पास में गोपाल कृष्ण की मूर्ति और पास में ही गौ माता की मूर्ति भी विराजी है। मंदिर के चारों तरफ भगवान की तस्वीरें लगी हुई हैं मंदिर से बाहर आने पर आप देखेंगे कि चारों तरफ काफी पेड़ पौधे यहां लगे हैं, जो पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं। आपको बता दें कि इस मंदिर का निर्माण वर्ष 2011 में तेजाराम सैनी ने करवाया और मंदिर निर्माण के बाद से ही तेजाराम सैनी यहां पर पूजा-अर्चना कर रहे हैं और भगवान की सेवा में जुटे हुए हैं। मन्दिर के बाहर एक प्याऊ का निर्माण भी करवाया गया है। तो भक्त और भगवान के इस आस्था धाम पर जरूर पधारिए। अब दीजिए हमें इजाजत…कल फिर मिलेंगे….एक और देवालय में…हर हर महादेव