रायपुर| छत्तीसगढ़ विधानसभा में सोमवार को मुख्य विपक्षी दल बीजेपी (भाजपा) के मेम्बरों ने नयी राजधानी के लिए भूमि अधिग्रहण से असरित लोगों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई एक किसान की मृत्यु को लेकर जमकर हंगामा मचाया.
विधानसभा में सोमवार को भाजपा के मेम्बरों ने नयी राजधानी में विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई किसान की मृत्यु का मामला उठाया और कार्य रोककर चर्चा कराए जाने की मांग की. जब अध्यक्ष ने विपक्ष की मांग को अस्वीकार कर दिया तब विपक्षी मेम्बरों ने हंगामा कर दिया, जिससे सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी गई.
सदन में भाजपा विधायक शिवरतन लज्जाा और बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि नवा रायपुर अटल नगर के 27 गांवों के किसान पिछले 70 दिनों से अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन प्रदेश गवर्नमेंट के पास उनसे मिलने और उन्हें सुनने का समय नहीं है. भाजपा विधायकों ने कहा कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने किसानों (नवा रायपुर परियोजना से असरित) से उनकी मांगों को पूरा करने का वादा किया था, लेकिन अब वह उनकी दुर्दशा पर ध्यान नहीं दे रही है.
उन्होंने कहा कि एक किसान सियाराम पटेल (68) की 11 मार्च को विरोध प्रदर्शन के दौरान मृत्यु हो गई थी, लेकिन प्रदेश गवर्नमेंट ने उसके परिजनों को मुआवजे के रूप में सिर्फ चार लाख रुपए ही दिये हैं.
भाजपा मेम्बरों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने यूपी के किसानों को मुआवजे के तौर पर 50-50 लाख रुपए दिये थे जबकि छत्तीसगढ़ के किसान को केवल चार लाख रुपए ही क्यों.
भाजपा पिछले साल यूपी के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा की घटना में मारे गए चार किसानों के परिवारों को 50-50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की बघेल की घोषणा का जिक्र कर रही थी. विपक्षी मेम्बरों ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस पार्टी कीकिसान विरोधी नीतियों के परिणामस्वरूप कई किसानों ने आत्महत्या की है.
उन्होंने इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की. इस बीच प्रदेश के नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री शिव कुमार डहरिया ने कहा कि आंदोलनरत किसानों की आठ मांगों में से छह पूरी कर ली गई है.
बाद में जब विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्षी मेम्बरों की मांग को खारिज कर दिया तब विपक्ष के मेम्बर नारेबाजी करने लगे. सदन में हंगामे को देखते हुए तब अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी.