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काेराेना काल में लगी पाबंदियाें के खत्म हाेने के बाद दाे साल बाद रमजान के पहले जुमे में लाेगाें ने उत्साह के साथ सामूहिक नमाज अदा की। काेराेना महामारी के दाैरान पिछले दाे साल से रमजान में लाेग सामूहिक रूप से एकत्रित हाेकर जुमे की नमाज अदा नहीं कर रहे थे। इस बाद काेराेना लहर के खत्म हाेने के बाद अब हालात जाने पर सरकार की ओर से पाबंदिया हटाने के बाद रमजान के पहले राेजे में बड़ी तादाद में लाेग जुमे की नमाज पढ़ने पहुंचे। दाेपहर में अजान से पहले ही लाेग मस्जिदाें में पहुंचने लगे थे। नमाज से पहले तकरीर हुई।
जिसमें इमाम ने कहा कि राेजा इंसान पर इसलिए फर्ज करार दिया गया है ताकि लाेग परहेजगार बन सके। राेजे का बदला अल्लाह पाक खुद देंगे। इफ्तार के समय की गई राेजेदार की दुआ कबूल हाेती है। नमाज से पहले इमाम ने खुत्बा पढा। नमाज के बाद लाेगाें ने अमन चैन व खुशहाली की दुआ मांगी। शहर के जामा मस्जिद, मदीना मस्जिद, मुहम्मदी मस्जिद, कमरुद्दीन शाह दरगाह मस्जिद, बिलाल मस्जिद, आयशा मस्जिद, अबरार मस्जिद, नसीबन मस्जिद, हलीमा मस्जिद, अबू बकर मस्जिद, मरकज मस्जिद, चाेपदारान मस्जिद, इमाम अली शाह दरगाह मस्जिद समेत शहर की अनेक मस्जिदाें में जुमे की नमाज हुई।