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सड़क किनारे के खेताें में फसल सिंचाई के लिए चलाए जाने वाले फव्वाराें से डामर की सड़कें टूटने का मामला बुधवार काे ग्रामीण विकास प्रशासन एवं स्थापना समिति की जिला परिषद सभा भवन में हुई बैठक में सामने आया। मामले निर्णय लिया गया कि ऐसे किसानाें काे पाबंद किया जाएगा जिनकाे खेत सड़काें के किनारे है और फव्वाराें का पानी सड़क पर आता है।
जिला प्रमुख हर्षिनी कुल्हरि की अध्यक्षता में हुई बैठक में सड़काें पर सदस्याें से चर्चा करते जिला परिषद सीईओ जवाहर चौधरी ने कहा कि जिले के ग्रामीण क्षेत्र में नालियों, सिंचाई के फव्वारों तथा रास्ताें में निकासी सही नहीं हाेने से सड़काें पर पानी जमा हाे जाता है इससे सड़कें टूट रही हैं। रास्ते की रिकाॅर्ड के अनुसार चौड़ाई भी मौके पर नहीं है।
साेखते गड्ढाें काे हाेने के बावजूद लाेग घराें का पानी खुले में छाेड़ रहे हैं। इससे सड़कें समय से पहले टूट रही हैं। क्षतिग्रस्त, अतिक्रमित सड़कों, रास्तों का सर्वे कर रिपोर्ट भिजवाने काे कहा। सड़कों को नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्तियों को पाबंद करने के लिए कहा गया। नहीं माने तो केस दर्ज कराया जाएगा।
पीडब्यलूडी, पीएचईडी, चिकित्सा, बिजली, शिक्षा, साक्षरता, समसा अधिकारियों, मुख्य आयोजना अधिकारी के साथ बैठक कर जिले के विकास के लिए जिला वार्षिक कार्य योजना तैयार करने पर चर्चा हुई। बैठक में सीईओ जवाहर चौधरी ने अधिकारियों को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए विभागवार कार्य योजना मुख्य आयोजना कार्यालय को भिजवाने के निर्देश दिए।