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बलवंतपुरा-चैलासी देश का इकलौता ऐसा रेलवे स्टेशन है, जिसका निर्माण ग्रामीणों ने खुद के खर्च पर करवाया। रेलवे ने एक रुपया भी खर्च नहीं किया। ग्रामीणों की जिद से यह संभव हाे पाया। आज यहां हर पेसेंजर गाड़ी रुकती है। हम बात कर रहे हैं सीकर-लोहारू रेलवे खंड पर नवलगढ़ और मुकुंदगढ़ के बीच स्थित बलवंतपुरा-चैलासी रेलवे स्टेशन जिसे पांच पंचायतों के ग्रामीणों ने अपने खर्च पर बनवाया था।
17 साल बाद अब ग्रामीणााें ने इस हॉल्ट स्टेशन को फ्लैग स्टेशन की श्रेणी दिलाने की ठानी हैै। इसके लिए प्लेटफॉर्म सहित अन्य सुविधाओं का विस्तार भी ग्रामीण अपने पैसे से ही करेंगे। ताकि यहां एक्सप्रेस गाड़ियां भी रुक सकें। रेलवे स्टेशन बनवाने के काम में रेलवे के तत्कालीन सेक्शन ऑफिसर बलवंतपुरा के सांवरमल जांगिड़ का अहम किरदार रहा है।
उनका कहना है कि एक्सप्रेस गाड़ियाें के ठहराव के लिए इसे फ्लेग स्टेशन का दर्जा मिलना जरूरी है। इसके लिए ग्रामीणों को साथ लेकर विधायक व सांसद सहित रेलवे मंत्री से मिलेंगे। उस समय गांव के समाजसेवी बजरंगलाल जांगिड़, फूलचंद टेलर, भैराराम लांबा, मामचंद चौधरी व ओमप्रकाश माथुर आदि ने रेल मंत्री से मुलाकात कर प्रस्ताव दिया था। पांच गांवों डूंडलोद, चैलासी, नवलड़ी, कैरू व ढाणियां पंचायत के सैकड़ों लोग एकजुट हुए और इस असंभव काम को संभव कर दिखाया।