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धरने को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि भाजपा जब विरोध में थी तो उस समय रसोई गैस, पेट्रोल-डीजल व महंगाई का विरोध करती थी, लेकिन सत्ता में आने के बाद इनकी कीमतों में लगातार बढ़ोतरी कर रही है। जिससे आम आदमी को घर चलाना मुश्किल हो गया है। सार्वजनिक संस्थाओं को पूंजीपतियों को बेचा जा रहा है।
धरना स्थल को क्रांतिकारी किसान यूनियन के संयोजक पोकर सिंह झाझड़िया, मजदूर किसान एकता मंच के फूलचंद बुडानिया, भीम आर्मी के संयोजक प्रदीप चंदेल, आम आदमी पार्टी के शुभकरण महला, महताब सिंह चौधरी, रामेश्वर बास नानग, कैप्टन मोहनलाल, यूनुस अली भाटी, नेमीचंद पूनिया ने संबोधित किया। इस दौरान एडवोकेट रणजीत सिंह, एडवोकेट हरिराम, एडवोकेट नरेश ढाका, हरिराम मुंशी, एडवोकेट जाफर अली, रामनिवास बेनीवाल, राजेंद्र प्रसाद, रायसिंह, धर्मपाल सिंह डारा, महिपाल सिंह, रामप्रताप रेपस्वाल, रणधीर सिंह झाझड़िया, त्रिलोक सिंह, बचनसिंह मीणा आदि मौजूद थे।
चिड़ावा : लालचौक स्टैंड पर दूसरे दिन भी धरना जारी रहा
चिड़ावा | सिंघाना रोड के लालचौक स्टैंड क्षेत्र के ग्रामीणों ने पचेरी-चिड़ावा मार्ग पर टोल वसूली के खिलाफ दूसरे दिन भी धरना दिया। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले शुरू हुए आंदोलन में शामिल लोगों ने सरकार और पीडब्ल्यूडी के खिलाफ नारेबाजी की। सोमवार को दिए गए धरने की अध्यक्षता कैप्टन श्रीचंद चाहर ने की। धरने को किसान सभा के तहसील अध्यक्ष बजरंगलाल बराला, विजेंद्र शास्त्री, राजेन्द्र चाहर, महावीर यादव, उम्मेदसिंह चाहर, अजय चाहर, सीताराम कुमावत सहित अन्य लोगों ने संबोधित किया।
वक्ताओं ने पचेरी-चिड़ावा मार्ग पर अवधि समाप्ति के बाद भी टोल वसूली के लिए विभागीय अधिकारियों पर मिलीभगत के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि नियमानुसार 50 किलोमीटर की सड़क पर एक ही टोल बूथ होना चाहिए। जबकि पचेरी से चिड़ावा तक 44 किलोमीटर दो बूथ है।
किसान नेताओं ने ठेका कंपनी पर पीडब्ल्यूडी से मिली भगत करके उक्त मार्ग को दो टुकड़ों में बांट देने की बात कही। इसके अलावा अन्य नियमों की अवहेलना करने के भी आरोप लगाए। धरने पर इंद्र शर्मा खेड़ला, गौरीशंकर, पुरुषोत्तम यादव, मोहनलाल जोगी, कर्मवीर, कपिल तेतरवाल, सतपाल चाहर, महेश चाहर, डॉ. प्रदीप यादव, जयसिंह हलवाई सहित अन्य लोग मौजूद रहे।