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पीडब्ल्यूडी अधिकारियाें की लापरवाही जिले के विकास में बाधक बन रही है। टाेल कंपनी काे अवैध रूप से टाेल वसूली की छूट देने से जनता काे दाेहरा नुकसान हाे रहा है। जनता से राेजाना लाखाें रुपए अवैध टाेल वसूली ताे हाे ही रही है। साथ ही स्टेट टाेल राेड रहने से यह मार्ग नेशनल हाइवे भी नहीं बन पा रहा है। दरअसल यूपीए-2 सरकार में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमाेहन सिंह के समय केंद्रीय मंत्री रहे शीशराम ओला के प्रयासाें से जिले को पहली बार नेशनल हाइवे -11 से जोड़ने की मंजूरी मिली थी। यह हाइवे हरियाणा के रेवाड़ी से नारनाैल हाेते हुए जिले में पचेरी सिंघाना, चिड़ावा, झुंझुनूं, मंडावा हाेकर फतेहपुर जाकर बीकानेर नेशनल हाइवे में मिलना था।
सरकार की ओर से फतेहपुर से मंडावा हाेकर सिरियासर तक इसका काम हाे चुका है। इसका एक हिस्सा झुंझुनूं में पीरूसिंह सर्किल से लेकर बीड़ चैकपाेस्ट तक बन चुका है। लेकिन हरियाणा बाॅर्डर से सटे पचेरी से लेकर चिड़ावा तक 40 किमी दूरी बीओटी राेड पर टाेल वसूली की वजह से अभी तक जमीन को हैंडओवर नहीं किया गया है। इस वजह से नेशनल हाइवे का काम शुरू नहीं हाे पाया है।
यदि पीडब्ल्यूडी अधिकारी इस स्टेट हाइवे पर टाेल पीरियड खत्म हाेते ही टाेल प्लाजा बंद करवाकर जमीन हैंडओवर करा देते ताे अब तक नेशनल हाइवे बन जाता। इससे जिले की जनता के लिए दिल्ली व बीकानेर का सफर भी आसान हाे जाता, लेकिन पीडब्ल्यूडी ने टाेल कंपनी की समयावधि खत्म हाेने के बाद भी प्लाजा नहीं हटवाया। कंपनी टाेल वसूली कर रही है।
नेशनल हाइवे में बनने वाले बाइपास काे लेकर टेंडर हाे चुके हैं। लेकिन स्टेट टाेल लागू हाेने की वजह से जमीन हैंडओवर नहीं हाे पाई। इस कारण इसमें देरी हाे गई। अब डीपीआर बनवा रहे हैं। -राेहिताश झाझड़िया, एक्सईएन, नेशनल हाइवे
समझिए, स्टेट हाईवे का टाेल कैसे बना हुआ है नेशनल हाइवे के निर्माण में बाधा
हरियाणा बाॅर्डर से सटे जिले के पचेरी कलां से चिड़ावा तक बीओटी की वजह से स्टेट हाइवे की जमीन अभी तक नेशनल हाइवे अथाेरिटी काे हैंडओवर नहीं हुई है। एनएचआई के अधिकारियाें के अनुसार अभी तक फतेहपुर से मंडावा और झुंझुनूं में बाइपास सड़क के टेंडर हाे चुके हैं। झुंझुनूं से चिड़ावा तक की डीपीआर बनाई जा रही है, लेकिन चिड़ावा से सिंघाना पचेरी कलां तक का मामला अभी कागजाें में चल रहा है। यह रेवाड़ी-बीकानेर नेशनल हाईवे 11 ए जिले में हरियाणा बाॅर्डर से पचेरी होकर सिंघाना, चिड़ावा-झुंझुनूं-मंडावा और फतेहपुर तक 159 किलोमीटर लंबा होगा।
इसके बन जाने के बाद जिलेवासियों सहित बाहर से आने-जाने वालाें को भी इसका फायदा मिलेगा। यह हाइवे बीकानेर के एनएच-52 से मिलेगा। हाइवे की चौड़ाई 10 मीटर है। यह फाेरलेन हाइवे 650 किमी लंबा है। रेवाड़ी से चिड़ावा, झुंझुनूं फतेहपुर से बीकानेर होकर जैसलमेर तक यह एनएच 11 न्यू करीब 650 किमी लंबा है। नेशनल हाईवे का अधिकांश हिस्सा तैयार हो चुका है, लेकिर पचेरी से सिंघाना होते हुए चिड़ावा तक इसका कार्य रुका पड़ा है। इस पर टोल चाूल होने की वजह जमीन हैंडओवर नहीं हो रही है। जब तक जमीन हैंडओवर नहीं होगी, तब नेशनल हाईवे अथोरिटी इसका काम शुरू नहीं कर पाएगी।
आज तीसरी बार हाेगी रिव्यू बैठक, टाेल काे लेकर हाे सकता है फैसला
चिड़ावा-सिंघाना-पचेरी टाेल सड़क काे लेकर सार्वजनिक निर्माण विभाग की परिचालक समूह की तीसरी बैठक हाेगी। कार्यवाहक एसई शंकरलाल जाट ने बताया कि चीफ इंजीनियर ने रिव्यू बैठक करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद मंगलवार काे परिचालक समूह की बैठक बुलाई गई है।
सुबह 11 बजे एसई कार्यालय में हाेने वाली बैठक में इस टाेल राेड की अवधि काे लेकर फैसला हाेने की संभावना है। इससे पहले 13 अप्रैल और 21 अप्रैल काे तत्कालीन एसई एनके जाेशी की अध्यक्षता में दाे बार परिचालक समूह की बैठक हाे चुकी है। इसमें टाेल की अवधि 258 दिन घटाने का फैसला लिया जा चुका था। अब तीसरी बार बैठक बुलाई जा रही है।