reporttimes
झुंझुनूं जिले के सूरजगढ़ क्षेत्र में इंसानियत के शर्मशार होने का मामला सामने आया है।यहां धरती के भगवान माने जाने वाले चिकित्सको ने ही मानवता को तार तार कर दिया। क्षेत्र कि महिला चिकित्सक ही एक बेटी की तड़फ व दर्द को अनसुना कर अपना चिकित्सीय धर्म ही भुला बैठी। मेडिकल कराने के लिए आई पीड़िता को घंटों तक मेडिकल कराने के लिए परेशान होना पड़ा। पीड़िता के परिजन व पुलिस मेडिकल के लिए दर दर परेशान होते रहे, लेकिन दो महिला चिकित्सकों की टाल मटोल से पीड़िता का मेडिकल नहीं हो पा रहा था। आपको बता दे की उपखंड के पिलानी थाना क्षेत्र में एक नाबालिग के शोषण के दर्ज मामले में पीड़िता का मेडिकल कराने के पुलिस नाबालिग के परिजनों के साथ सूरजगढ़ सीएचसी आई थी। यहां नाबालिग के परिजनों को मेडिकल के लिए घंटो परेशान होना मामले पीड़िता के मेडिकल के लिए सीएचसी की महिला चिकित्सक के साथ ही बनगोठड़ी की महिला चिकत्सक को नियुक्त किया गया। बनगोठड़ी की महिला चिकित्सक के साथ ही नाबालिग के परिजन सीएचसी पर मेडिकल के इंतजार करते रहे लेकिन वो नहीं आई। दूसरी महिला चिकित्सक की ड्यूटी लगाई तो वो भी मेडिकल के नहीं पहुंची तो सूरजगढ़ सीएचसी प्रभारी डॉ हरेंद्र धनकड़ को मेडिकल बोर्ड में शामिल किया उसके बाद पांच घंटो बाद नाबालिग का मेडिकल हो पाया। सूरजगढ़ सीएचसी पर हुई आज की घटना ने चिकित्सियो व्यवस्थाओ की पोल खोल दी है