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सेना भर्ती रैली शुरू करने की मांग को लेकर एसएफआई जिला परिषद में स्थित सांसद कार्यालय का घेराव किया। छात्र रैली के रूप में सांसद कार्यालय पहुंचे। यहां पर जमकर नारेबाजी की। रैली कलेक्ट्रेट से जिला परिषद तक निकाली गई। सांसद कार्यालय का घेराव किया तथा गृह मंत्रालय को सांसद के मार्फत ज्ञापन भेजा। एसएफआई के जिला महासचिव सचिन चोपड़ा ने बताया कि सेना भर्ती की प्रक्रिया दो साल से लंबित है। अभी सरकार द्वारा सेना में अल्पकालीन भर्ती करने का नया नियम सेना जैसी प्रतिष्ठित संस्थान को तबाह करने एवं हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी विध्वंसक हो सकता है।
रक्षा मंत्रालय द्वारा दी गई सूचना के अनुसार भारतीय सेना में भर्ती के लिए पिछले दो साल से किसी भी रैली का आयोजन नहीं हुआ हैं, जबकि सेना में सवा लाख से ऊपर पद रिक्त हैं। भर्तियां ना होने से हमारी सेना में जवानों की कमी तो आई ही है। इसके साथ ही अपने देश की सेवा करने और एक स्थिर करियर बनाने के लिए भारतीय सेना में नौकरी की तलाश करने वाले युवाओं के सपनों पर भी पानी फिर गया है। क्योंकि भर्तियों के इंतज़ार में बहुत से अभ्यर्थी उम्र की समय सीमा पूरी कर चुके हैं।
एसएफआई के जिलाध्यक्ष पंकज गुर्जर ने बताया कि अभी हाल ही में सेना भर्ती के लिए ज़ारी किए गए नए नियम पहले से ही हताश अभ्यर्थियों को और निराशा और हताशा की ओर धकेलने वाले हैं। रुकी हुई सैनिक भर्ती प्रक्रिया के खिलाफ युवाओं के आक्रोश को कम करने के लिए सरकार ने अग्निपथ सेना भर्ती योजना की घोषणा की है। इस योजना के अनुसार ‘अग्निवीर’ नाम से जिन सैनिकों की नियुक्ति होगी वह अस्थाई होगी। उनका कार्यकाल तीन वर्ष का होगा। इन नियमों में यह दावा किया जा रहा है कि तीन साल की अस्थाई सेवा के बाद यदि प्रदर्शन संतोषजनक रहा तो नियुक्ति स्थाई कर दी जाएगी।
अस्थाई सेवा देने वाले ये सैनिक पेन्शन और अन्य सुविधाओं से वंचित रह जाएंगे। भारतीय सेना के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है जब सेना जैसी प्रतिष्ठित सेवा के लिए अस्थाई नियुक्ति करने की बात हो रही है। अस्थाई और संविदा की नौकरियां जिन क्षेत्रों में हैं वहां सेवा के गुणवत्ता में कमी ही आई है और अस्थाई नियुक्ति औपचारिकता भर हो कर रह जाती हैं। तीन साल के बाद स्थायी भर्ती करने के नाम पर भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिलने की संभावना से इनकार नही किया जा सकता है। इससे सेना के प्रति युवाओं और आम जनता में सम्मान की भावना में भी कमी आयेगी। भारतीय सेना पूरे देश का अभिमान है। यह कोई औपचारिकता नहीं है। सेना में इस प्रकार की अस्थाई भर्ती जवानों के मनोबल को तो गिराएगी, इसके अलावा यदि जवान अपने भविष्य को लेकर संशकित रहेंगे तो उनका जज्बा नकारात्मकता में बदल जाएगा। सरकार की सेना भर्ती की यह योजना देश की सुरक्षा के लिए एक घातक कदम साबित हो सकती है।
एसएफआई के प्रदेश महासचिव सोनू जिलोवा ने बताया कि सरकार ने रक्षा के क्षेत्र में सौ प्रतिशत एफ. डी. आई. की मंजूरी पहले से ही दे रखी है। जिसके चलते हमारे देश के आयुध कारखाने औने-पौने दामों पर निजी हाथों में बेचे जा रहे हैं।कर्मचारियों की छंटनी जारी है। जिससे रक्षा क्षेत्र में रोजगार में लगातार कमी तो आ ही रही लेकिन इससे देश की सुरक्षा का खतरा बढ़ रहा है। एसएफआई के छात्रसंघ अध्यक्ष अनीश धायल ने बताया कि पिछले लगातार 2 सालों से सेना भर्ती रैली नहीं होने के कारण बहुत से युवा अपनी आयु सीमा पार कर चुके हैं अत: उनके लिए आयु सीमा में छूट देते हुए सेना भर्ती रैली का आयोजन जल्द से जल्द शुरू करवाया जाए।
इस दौरान एसएफआई के राज्य कमेटी सदस्य सौरभ जानू, चुकी नायक, जिला उपाध्यक्ष राजेश आलडिया, छात्रसंघ महासचिव इंतजार अली,रोहित कालेर,नवलगढ़ तहसील अध्यक्ष आशीष पचार,पूजा नायक,साहिल कुरेशी,आदिल भाटी,हेमलता शर्मा,नैंसी,अब्दुला कुरैशी,अंकित धोनी,महफूज,साहिल भाऊ,दीपक दादरवाल,बुलकेश,अनिमेष, योगेश कटारिया,पंकज डूडी,गौरव वर्मा,नवनीत मीणा,पूजा, टुनटुन, पूजा समेत अनेक कार्यकर्ता मौजूद रहे।