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ओला कम्पनी के इलेक्ट्रिक स्कूटर की डीलरशिप दिलवाने का झांसा देकर 15 लाख की ठगे, महाठग की तलाश में जुटी पुलिस

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ओला कम्पनी के इलेक्ट्रिक स्कूटर की डीलरशिप दिलवाने का झांसा देकर 15 लाख की ठगे, महाठग की तलाश में जुटी पुलिस
चिड़ावा। क्षेत्र में ठगी का एक बार फिर मामला सामने आया है। मिली जानकारी के अनुसार इस संबंध में बुहाना के थली निवासी रामप्रताप जांगिड़ ने चिड़ावा पुलिस थाने में रिपोर्ट दी। रिपोर्ट में उन्होंने लिखा है कि 4 जून 22 को उसने ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर कंपनी की डीलरशिप के लिए साइट पर मिले नंबरों से संपर्क किया। जिसमें सामने वाले ने खुद को कंपनी का मैनेजर पंकज सिंह भदौरिया बताया। पीड़ित रामप्रताप ने इलेक्ट्रिक स्कूटर की डीलरशिप लेने की इच्छा जताई। जिस पर आरोपी ने 8 जून को पीड़ित के पास वाट्सअप के माध्यम से फार्म भिजवाया। जिसमें डीलरशिप से जुड़ी जानकारी शामिल थी। पीड़ित ने फार्म और रजिस्ट्रेशन शुल्क के 49 हजार पांच सौ रुपए जमा करवा दिए। 13 जून को आरोपी भदौरिया ने पीड़ित को कॉल कर 2 लाख 50 हजार रुपए बतौर सिक्योरिटी के जमा करवाने की बात कही। पीड़ित रामप्रताप ने अपने पुत्र राहुल के खाते से रुपए जमा करवा दिए। 15 जून को फिर से आरोपी का कॉल आया। इस बार आरोपी ने समय पर  20 इलेक्ट्रिक स्कूटर की पहली खेप समय पर भेजने के लिए 16 लाख 50 हजार रुपए में से 40 प्रतिशत राशि छह लाख 60 हजार रुपए खाते में जमा करवाने की बात कही।
पीड़ित ने आरोपी के बताए खाते में आरटीजीएस के माध्यम से रुपए जमा करवा दिए। जिसके बाद 20 जून को फिर से कॉल आया और आरोपी ने कहा कि कंपनी ने पॉलिसी बदल ली है। ऐसे में 20 स्कूटर का संपूर्ण भूगतान जमा करवाना होगा। 21 जून को पीड़ित ने भदौरिया के बताए खाते में दो लाख जमा करवा दिए। 22 जून को फिर से जीएसटी राशि के रूप में 1 लाख 54 हजार 800 रुपए जमा करवाए गए। 29 जून को भदौरिया ने फिर से कॉल कर एग्रीमेंट टैक्स के रूप में दो लाख रुपए जमा करवाने की बात कही और एग्रीमेंट टैक्स जमा होने के तीन दिन बाद स्कूटर भिजवाने का आश्वासन दिया। मगर तय समय के बाद भी स्कूटर नहीं मिले था रामप्रताप  ने आरोपी भदौरिया से संपर्क किया। जिस पर भदौरिया ने कहा कि कंपनी ने फिर से पॉलिसी में बदलाव कर दिया है। जिसमें 20 स्कूटर एक साथ लेने वाले डिस्ट्रीब्यूटर को दस स्कूटर आधी कीमत में दिए जाएंगे। इसलिए पांच और स्कूटर की कीमत मिलने पर 25 स्कूटर एक साथ ही भिजवा दिए जाएंगे। कंपनी की बार-बार पॉलिसी बदलने की बात पर पीड़ित को शक हुआ। रामप्रताप ने कंपनी से जुड़ी खोजबीन की तो साइबर ठगी होने का पता चला। अब तक 15 लाख 14 हजार तीन सौ रुपए की ठगी में गंवा चुके रामप्रताप ने पुलिस की शरण ली। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। फिलहाल महाठग की तलाश की जा रही। पुलिस फोन नंबरों के आधार पर लोकेशन ट्रै्स कर आरोपी तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
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