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राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने गोधन को बचाने के लिए लंपी स्किन बीमारी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है। सीएम गहलोत ने वीसी के जरिए आज पंच-सरपंच और जनप्रतिनिधिको संग संवाद किया। सीएम ने कहा कि हमें राजनीति से हटकर मिलकर एक साथ काम करना होगा, ताकि प्रदेश के प्रभावित पशुपालकों और आम लोगों को राहत मिल सके। सीएम ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और गुलाबचंद कटारिया से भी आग्रह किया कि वे यह मैसेज केंद्र सरकार तक पहुंचाएं और इस रोक को राष्ट्रीय आपदा घोषित कराएं। सीएम गहलोत ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में गिरदावरी और नुकसान का आंकलन होगा। सीएम गहलोत ने लंपी स्किन रोग के साथ ही राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल और प्रदेश में बाढ़ ग्रस्त इलाकों के हालातों और इससे प्रभावित लोगों को सहायता पहुंचाने से जुड़े मसले पर भी चर्चा हुई।
रघु शर्मा ने पशु चिकित्सकों का मसला उठाया
पूर्व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा भी वीसी जुडे़। रघु शर्मा ने कहा कि उनके क्षेत्र में पशु चिकित्सकों को डेपुटेशन पर जोधपुर तबादला कर दिया है। इससे केकड़ी में पशुओं का इलाज कराने के लिए पशु चिकित्सक नहीं है। रघु शर्मा ने कहा कि इससे गलत मैसेजे गया है। लंपी बीमारी को हराने के लिए केकड़ी में पशु चिकित्सक नहीं है। जवाब में कटारिया ने कहा कि डेपुटेशन पर जोधपुर भेजे गए चिकित्सकों का तबादला रद्द कर दिया गया है। रघु शर्मा गुजरात से वीसी के जरिए जुड़े। वीसी में जुड़े आपदा एवं राहत प्रबंधन मंत्री गोविंदराम मेघवाल ने कहा कि बाढ़ ग्रस्त इलाकों से करीब 15 हजार लोगों को रेस्क्यू किया गया है। उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टरों को पर्याप्त धनराशि आंवटित की गई है। पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि अब तक 8 लाख गोवंश लंपी बीमारी से संक्रमित हुए है। 7.40 लाख का उपचार हुआ है। लगभग 4.30 लाख पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। पश्चिमी राजस्थान में संक्रमण की दर तेजी से घट रही है।
बाढ़ग्रस्त इलाकों के लिए केंद्र से मिले राशि
सीएम गहलोत प्रदेश में बाढ़ के जो हालात कुछ जिलों में बने हैं। उसके लिए भी भाजपा के नेताओं को केंद्र में प्रयास करना चाहिए ताकि प्रदेश को केंद्र के स्तर पर अधिक सहायता मिल सके। हालांकि, मुख्यमंत्री ने कहा कि 75 सालों के बाद इतनी अधिक बरसात राजस्थान में हुई है। उन्होंने कहा सामान्य से 37% अधिक बरसात होने के बावजूद प्रदेश में कोई कैजुअल्टी नहीं हुई। वीसी के दौरान देश में आवारा पशुओं से जुड़ी समस्या पर भी सुझाव आए। गहलोत ने कहा कि हमने प्रदेश में गौशालाओं के विकास में धन की कोई कमी नहीं आने दी। यही कारण है कि हमने हर ग्राम पंचायत स्तर पर नंदी गौशाला खोलने की घोषणा की। लेकिन बजट के बावजूद ज्यादा लोग या संगठन इसमें आगे नहीं आए। गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार ने गौशालाओं में 6 माह का अनुदान को बढ़ाकर 9 महीने का किया। वीसी में मुख्य सचिव ऊषा शर्मा समेत आला अधिकारी भी मौजूद रहे।