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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जालौर में शिक्षक द्वारा दलित छात्र की पिटाई से हुई मौत मामले में भाजपा नेता लोगों के भड़का रहे हैं। जयपुर में मीडिया से बात करते हुए सीएम ने कहा- आप जालौर की घटना देख लीजिए, अभी तक भी लोग आ रहे हैं वहां पर और फैला रहे हैं। अंट-शंट की बातें फैला रहे हैं, अरे भई सच्चाई तो आने दो। आप कहते हो तो हम केस को सीबीआई को दे देते हैं, अगर आपको विश्वास नहीं है राजस्थान पुलिस पर, केस सीबीआई को दे देंगे, हमारे क्या लगता है, पर बिना मतलब राजस्थान को बदनाम करने का हक़ किसी को भी नहीं है। कुछ लोग जो हैं, क्योंकि मीडिया इनके दबाव के अंदर है, टोटली दबाव के अंदर है, जो चाहते हैं वो लिखवाते हैं, छपवाते हैं और दिखाते हैं, तो ये जो हालात हैं देश के अंदर वो ठीक नहीं हैं और हमें चिंता लगी हुई है इसकी।
बीजेपी के नेता घबराकर कैंपेन चला रहे हैं
सीएम ने कहा कि बीजेपी के लोग घबराकर जिस प्रकार के कैंपेन चला रहे हैं पूरे प्रदेश के अंदर, कैंपेन चला रहे हैं और कैसे भड़का रहे हैं लोगों को, देखिए जालौर की घटना देखिए आप, अलवर की घटना देखिए, लड़की का रेप हुआ ही नहीं बेचारी का और उसके घरवालों पर क्या बीतती है? वो लड़की विमंदित थी, घरवालों पर क्या बीती होगी, रेप हो गया, रेप हो गया, रेप हो गया, बाद में मालूम पड़ा कि एक्सीडेंट हुआ, तो ये इस प्रकार की बाद में सीबीआई को केस दे दिया हमने, सीबीआई ने क्या कर लिया? कहने का मतलब ये है कि विपक्ष को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए सच्चाई के आधार पर, निभाएं, हम खुद चाहेंगे कि विपक्ष धरना दे, प्रदर्शन करे, कुछ भी करे, विपक्ष अपनी भूमिका निभाए, हम अपनी भूमिका निभाएंगे, हम उनकी तरह अहम-घमंड में नहीं चल रहे हैं जो आज धज्जियां उड़ रही हैं संविधान की उड़ रही हैं, लोकतंत्र खतरे में मान रहे हैं हम तो, राज कौन कर रहा है? ईडी कर रही है, इनकम टैक्स कर रही है, सीबीआई कर रही है, घरों में घुस जाती है लोगों के चुनाव आते ही, ये लोकतंत्र है क्या? हालात तो वहां खराब कर रखे हैं, इनको चाहिए राजस्थान के नेताओं को कि जाएं दिल्ली के अंदर, डेलिगेशन लेकर जाएं और समझाएं कि जनता में कितनी क्रेडिबिलिटी कम हो रही है इन एजेंसियों की भी और भारत सरकार की भी।
गहलोत बोले- आलोचना से फीडबैक मिलता है
जयपुर में मीडिया से बात करेत हुए सीएम ने कहा कि सच्चाई है तो आप उसको आप बोलो, आलोचना करो, हम तो खुश होते हैं, आलोचना से हमें फीडबैक मिलता है, हम उसको इम्प्रूव करने की कोशिश करते हैं। मेरी थ्योरी ये है, मेरी जिंदगी की भी, मेरी व्यक्तिगत भी और मेरी सरकार की भी कि अगर कोई आलोचना करता है तो उसका बुरा कभी मत मानो, हां बुरा तब लगता है जब आप बिना तथ्यों के अफवाहें चला रहे हो पुलिस के बारे में, वो बुरा लगता है। अगर तथ्य है, सच्चाई है, लाओगे, आलोचना करोगे, हम वेलकम करेंगे, हम सुधार कर लेंगे, तो हम तो इस रूप में चलने वाले लोग हैं, पर जिस प्रकार से ये बीजेपी के लोग हमारे जो नेता लोग हैं।