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दशहरा रैली पर ‘महाभारत’ में अब शरद पवार भी कूदे, सीएम एकनाथ शिंदे को दी नसीहत

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दशहरा रैली के लिए उद्धव और एकनाथ शिंदे दोनों गुटों की तरफ से शिवाजी पार्क के लिए आवेदन आ चुके हैं। ऐसे में दोनों पक्षों के बीच ‘महाभारत’ होने के आसार हैं। इस बीच एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सलाह दी है। पवार ने शिंदे को मैसेज दिया- टकराव से बचने का प्रयास करें और मिलनसार बनें। माना जा रहा है कि पवार की यह सलाह दशहरा रैली को लेकर उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच टकराव के संदर्भ में आई है। सूत्रों का यह भी कहना है कि अभी उद्धव ठाकरे की शिवसेना को दशहरा रैली के लिए शिवाजी पार्क में कार्यक्रम की परमिशन नहीं मिली है। यह मामला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि शिवसेना 60 के दशक से हर साल शिवाजी पार्क पर दशहरा रैली का आयोजन करती रही है।

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महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद से शिवसेना में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। शिवसेना के दो फाड़ हो चुके हैं। अब बारी है आने वाले दशहरा रैली की। 60 के दशक से शिवसेना के लिए दशहरा रैली काफी महत्वपूर्ण घटनाक्रम रहा है। शिवाजी पार्क से दशहरा रैली में बालासाहेब को सुनने के लिए प्रदेशभर से हजारों की संख्या में शिवसैनिक पहुंचते थे। बालासाहेब के बाद उनके बेटे उद्धव ठाकरे दशहरा रैली का आयोजन करते रहे हैं। इस बार मामला फंस गया है। कारण है- सीएम एकनाथ शिंदे समूह की तरफ से भी दशहरा रैली के लिए शिवाजी पार्क की बुकिंग को आवेदन करना। हालांकि उनसे पहले उद्धव ठाकरे की ओर से मुंबई नगर निगम में यह आवेदन किया जा चुका है। सूत्रों का कहना है कि निगम ने अभी परमिशन नहीं दी है। इस बीच प्रदेश के सबसे अनुभवी राजनेता और एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी इस विवाद में कूद गए हैं। उन्होंने महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे को नसीहत दी है।

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शरद पवार ने कहा है, “एक व्यक्ति जो मुख्यमंत्री पद पर काबिज है, उन्हें यह सुनिश्चित करने का काम करना चाहिए कि कोई टकराव न हो। उनका दृष्टिकोण समावेशी होना चाहिए। उस स्थिति में सभी को एक साथ ले जाना अच्छा काम करता है। कोई भी कहीं भी रैली कर सकता है, यह सुनिश्चित करने के लिए अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए कि कोई समस्या या टकराव न हो। ”

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उन्होंने आगे कहा, “जब कोई व्यक्ति सीएम के जैसे उच्च संवैधानिक पद पर होता है, तो वह महाराष्ट्र के सभी लोगों का प्रतिनिधित्व करता है। उन्हें ऐसा कोई निर्णय लेते या कार्य करते हुए नहीं देखा जा सकता है जिससे दूसरों का विरोध हो। ”

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चार बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके पवार ने हमेशा न केवल अपनी पार्टी के भीतर बल्कि विपक्ष के साथ भी सौहार्दपूर्ण समीकरण सुनिश्चित किए हैं। उन्हें देश की राजनीति में बैलेंसिंग बनाने वाले नेता के तौर पर जाना जाता है। यही कारण है कि विपक्षी दलों में पवार की भूमिका काफी अहम मानी जाती है। पीएम नरेंद्र मोदी भी कई बार पवार के लिए सम्मान प्रकट कर चुके हैं। पीएम ने तो यह भी कहा है कि वह राजनीति में शरद पवार की उंगली पकड़कर पहुंचे हैं।

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