REPORT TIMES
राजस्थान में कलेक्टर और एसडीएम अफसरों के तबादलों पर रोक लगा दी गई है। गहलोत सरकार को इन अफसरों का तबादला करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग से अनुमति लेनी होगी। राज्य के प्रशासनिक सुधार विभाग ने रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए है। दरअसल, प्रदेश में निर्वाचन विभाग की ओर से चल रहे मतदाता सूचियों के वविशेष संशिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के चलते ये रोक लगी है। निर्वाचन से जुड़े कर्मचारियों के तबादलों पर 9 नवम्बर 2022 से 5 जनवरी 2023 तक ये रोक लागू रहेगी। इस बीच में अति आवश्यक होने पर राज्य निर्वाचन आयोग की सहमति के बाद तबादला विशेष परिस्थितियों में किया जा सकता है ।
सरकार ने 5 जनवरी 2023 तक लगाई रोक
प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि भारत निर्वाचन आयोग की ओर से फोटोयुक्त मतदाता सूचियों का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम 9 नवंबर 2022 से 5 जनवरी 2023 तक निर्धारित किया गया है। ऐसे में फोटो युक्त मतदाता सूचियों की विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारी जिसमें जिला निर्वाचन अधिकारी यानी कलेक्टर , उप जिला निर्वाचन अधिकारी, यानी अतिरिक्त जिला कलेक्टर , निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी यानी उपखंड अधिकारी / सहायक कलेक्टर , सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी यानी तहसीलदार , नायब तहसीलदार और उनके कार्यक्रम के दौरान नियुक्त किए जाने वाले बूथ लेवल के अधिकारी , सुपरवाइजर के पदों पर सामान्य तहसील स्तर पर कार्यरत विभिन्न स्तर के विभागों के कर्मचारियों के स्थानांतरण पर 9 नवंबर 2022 से 5 जनवरी 2023 तक रोक लगाई जाती है। विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम अवधि में अति आवश्यक मामलों में आयोग मुख्य निर्वाचन अधिकारी की पूर्व अनुमति से अधिकारी या कर्मचारी का स्थानांतरण के आदेश जारी किए जा सकेंगे।
30 मई को हटाई थी तबादलों लगी रोक
राजस्थान में 30 मई से पहले लगभग 1 साल से तबादलों पर रोक लगी हुई थी। जिसकी वजह से कई विधायक के पसंदीदा कर्मचारी और अधिकारियों के तबादले नहीं हो पा रहे थे। जनप्रतिनिधियों की मांग पर गहलोत सरकार ने 30 मई 2022 को तबादलों पर से रोक हटा दी थी। ऐसा पहली बार है जब लगभग 5 महीने से ऊपर होने में आ रहे हैं , लेकिन तबादलों पर रोक नहीं लगी है। इससे पहले तबादलों पर से हटने वाली रोक समय अवधि के लिए हटाई जाती थी , लेकिन इस बार सरकार ने 31 मई को तबादलों से जो रोक हटाई है वह लगातार बरकरार है।