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राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के अंत में होने लेकिन राजनीतिक दलों ने चुनावी तैयारियों की आगाज शुरू कर दिया है। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी के दौरे के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल राजस्थान में राजनीतिक जमीन तलाश कर रहे हैं। आप पार्टी से जुड़े सूत्रों के अनुसार अरविंद केजरीवाल 7-8 अक्टूबर के दौरे पर आ रहे है। जयपुर में बड़ी रैली आयोजित करेंगे। जयपुर में मेक इन इंडिया अभियान की शुरुआत कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल इन दिनों चुनावी वाले राज्यों में काफी सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। राजस्थान में पहली बार जनसंपर्क लिए दो दिवसीय दौरे पर आए AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी दौरे के पहले दिन मिले जनसमर्थन से काफी उत्साहित नजर आए। ओवैसी ने जयपुर से लेकर नवलगढ़ तक बेक टू बेक जनसंपर्क और जनसभाओं में उत्साह दिखाया है। कोर कमेटी कंवीनर जमील खान भी ओवैसी के साथ काफी एक्टिव दिखाई दे रहे हैं। आवैसी अपने दौरे के दूसरे दिन लाडनूं में जनसभा करेंगे। ओवैसी सुबह 10 बजे सुनारी रोड क्रिकेट ग्राउंड पर जनसभा को संबोधित करेंगे।
तीसरी ताकत के लिए जद्दोजहद
राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस अपनी अपनी तैयारियों में जुटी हुई है तो वहीं अब अन्य पार्टियां भी तीसरी ताकत के रूप में जमीन तलाश रही है। राजस्थान में पिछले विधानसभा चुनाव में पहली बार पार्टी बनाकर चुनाव लड़ने वाली हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को चार सीटों पर सफलता मिली थी। बेनीवाल की पार्टी को 3 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। जिला परिषद एवं पंचायत चुनावों में हनुमान बेनीवाल की पार्टी को अच्छी सफलता मिली थी। हनुमान बेनीवाल की पार्टी के शानदार प्रदर्शन के बाद अरविंद केजरीवालऔर असदुद्दीन ओवैसी भी अपनी किस्मत आजमाने के लिए पूरी तरह तैयार दिखाई दे रहे हैं। आम आदमी पार्टी को राजस्थान में बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद है। इसके लिए संगठन को विस्तार दिया भी दिया जा रहा है।वहीं हर सीट पर जिताऊ और टिकाऊ प्रत्याशी भी तलाश किए जा रहे हैं। प्रदेश प्रभारी विनय मिश्रा भी काफी एक्टिव दिखाई दे रहे हैं।
ओवैसी ने खेला आऱक्षण का दांव
दूसरी तरफ ओवैसी की नजर राजस्थान के अल्पसंख्यक वोटरों पर है। बुधवार को ओवैसी ने शेखावाटी में विभिन्न जनसभाओं को संबोधित किया। ओवैसी ने अल्पस्ख्यकों को सरकारी नौकरियों में आरक्षम देने की मांग की। ओवैसी ने आरक्षण का दांव खेलकर कांग्रेस को मुश्किल में डाल दिया है। जयपुर में हवामहल और किशनपोल में जनसंपर्क दौरान खासी भीड़ देखी गई। जानकारों का मानना है कि ओवैसी इस दौरे में अल्पसंख्यक वोटर्स पर पूरा फोकस रख रहे हैं। कांग्रेस से असंतुष्ट नेताओं को पार्टी से जोड़ने का काम कर रहे हैं। राजस्थान में अल्पसंख्यक वर्ग कांग्रेस का परंपरागत और बड़ा वोट बैंक माना जाता है। ऐसे में ओवैसी के दौरे से कांग्रेस की चिंता बढ़ सकती है। शेखावाटी अंचल में अल्पसंख्यक वोटर बरसों से कांग्रेस को जिताते रहे हैं। ऐसे में अब ओवैसी के चुनावी मैदान में आने से समीकरण बदल सकते हैं। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के गढ़ में ओवैसी अल्पसंख्यक वोटरों को साध रहे हैं।