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राजस्थान में कोटा के सरकारी गौशाला में रखी गई लंपी वायरस से संक्रमित गायों के बचाव के लिए उपायों में वैक्सीनेशन के साथ टोने-टोटके का भी सहारा लिया जा रहा है। कोटा नगर निगम के किशोरपुरा स्थित गौशाला में लंपी वायरस से संक्रमित गायों को यहां अलग बाड़े में रखा हुआ है। वहां अब टोने-टोटके का सहारा लेते हुए माता शीतला और चौथ माता चौथ की प्रतिमा पर जल चढ़ाने के बाद उस जल का दिखाव न केवल गौशाला परिसर में बल्कि लंपी वायरस से संक्रमित गायों पर भी किया जा रहा है।
अब तक लंपी वायरस से संक्रमित होने के बाद यहां लाई गई गायों में से 31 गायें स्वस्थ हो चुकी है जबकि 32 गायों का अभी भी इलाज जारी है। गौशाला समिति के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह जीतू ने इस बारे में आज बताया कि उनकी हर संभव कोशिश वायरस से संक्रमित गायों की जान बचाना है। चाहे इसके लिए एलोपैथी-हौम्योपैथी की दवाओं के साथ टोने-टोटके तक का ही सहारा क्यों न लेना पड़े? इसमें कोई नुकसान भी नहीं है?
यही नहीं बंधा-धर्मपुरा और किशोरपुरा स्थित गौशालाओं में लाई जाने वाली सभी गायों का न केवल वैक्सीनेशन करवाया जा रहा है बल्कि जो गाय बीमारी से ग्रसित हो चुकी है, उनका चिकत्सिीय देखरेख में इलाज करवाने के अलावा आयुर्वेदिक तरीके से बनाए गए लड्डू भी बनाकर उन्हें खिलाये जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि जितनी बड़ी संख्या में लंपी वायरस से संक्रमित होने के बाद मोखापाड़ा स्थित पशु चिकत्सिालय और वहां से इलाज के बाद में किशोरपुरा की गौशाला में लाया जा रहा है,उनकी बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए यहां जगह की कमी पड़ने लगी है।