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पार्टी आलाकमान का फैसला मंजूर, राजस्थान में कई विधायकों के बदले सुर; दिव्या बोलीं- धारीवाल ने मिसगाइड किया

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राजस्थान में चल रहे सियासी ड्रामे का अभी अंत नहीं हुआ है लेकिन इस बीच इस्तीफा देने वाले कई पार्टी विधायकों का अचानक ह्रदय परिवर्तन होने लगा है। रविवार को विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी को अपना इस्तीफा सौंपने वाले 90 विधायकों में शामिल कुछ विधायकों ने मंगलवार को कहा कि वो नए मुख्यमंत्री के चुनाव को लेकर पार्टी आलाकमान के फैसले के साथ दृढ़ता से खड़े हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल और पार्टी चीफ व्हिप महेश जोशी द्वारा विद्रोही गुट को ज्वायन करने को लेकर मिसगाइड किया गया और पार्टी आलाकमान के फैसले के विरूद्ध जाने की उनकी कोई मंशा नहीं है।

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कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने कहा कि मैं कांग्रेस की एक सिपाही हूं और किसी भी गुट से ताल्लुक नहीं रखती हूं। धारीवाल और महेश जोशी ने अपने आधिकारिक पोजिशन का गलत इस्तेमाल किया और विधायकों पर दबाव बनाया कि वो धारीवाल के घर आएं तथा विधायक दल की बैठक में जाने की उन्हें अनुमति नहीं दी। राजस्थान के एक जाट नेता पारस राम मदेरणा की पोती दिव्या मदेरणा ने कहा कि धारीवाल के घर के बाहर पुलिस बल को तैनात किया गया था और विधायकों को उस बैठक में जाने की इजाजत नहीं दी गई थी। अब वो बेवजह केंद्रीय पर्यवेक्षक अजय माकन पर आरोप लगा रहे हैं।

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धारीवाल और जोशी ने इस बात से इनकार कर दिया है कि उन्होंने विधायकों को जबरन बैठक में आने के लिए कहा। धारीवाल ने कहा, ‘विधायक अपनी मर्जी से आए थे और इस्तीफा देने का फैसला सभी का था ताकि पार्टी आलाकमान आपकी आवाज को सुन सके और साल 2020 में पार्टी से बगावत करने वाले गुट में से किसी को सीएम ना बनाया जाए।

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विधायक प्रशांत बैरवा ने कही यह बात

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कांग्रेस विधायक प्रशांत बैरवा ने मंगलवार को कहा कि हां मैंने इस्तीफे पर हस्ताक्षर किया था। हालांकि, इस्तीफा पत्र पर हस्ताक्षर उन्होंने क्यों किया? इसको लेकर वो कोई वजह नहीं बता पाए। हालांकि, उन्होंने कहा कि पार्टी आलाकमान को जल्दी ही इस मामले को सुलझाना चाहिए। राज्य में जल्द चुनाव होंगे और मैं पार्टी के फैसले के समर्थन में हूं।

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इस्तीफा पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले एक अन्य विधायक कुशवीर सिंह ने कहा कि उनकी मंशा पार्टी आलाकमान की आज्ञा की अवहेलना करना नही था। सोनिया जी ने मुझे टिकट दिया और उनका जो भी फैसला होगा मैं उसके साथ खड़ा हूं। एक अन्य विधायक संजय यादव ने भी पार्टी आलाकमान के फैसले के समर्थन की बात कही।

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महेश जोशी बोले- हमने दबाव नहीं बनाया

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महेश जोशी ने कहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक विधायकों की बैठक पार्टी आलाकमान पर दबाव बनाने के लिए नहीं बुलाई गई थी। उन्होंने कहा, ‘मैं बार-बार कह रहा हूं कि अपनी बात करना दबाव बनाना नहीं है। हमने आलाकमान पर कोई दबाव नहीं बनाया। हमने अपनी राय रखने की कोशिश की है। जो भी फैसला आलाकमान लेगा हम उसका पालन करेंगे।

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इधर इस बात की भी संभावना है कि पार्टी के कुछ विधायकों को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस थमाया जा सकता है। सीपी जोशी ने इस मुद्दे पर कहा कि हम कांग्रेस के प्रति अपनी वफादारी साबित करेंगे। अगर कोई हमारी वफादारी पर सवाल उठाएगा तो हम किसी भी कीमत पर उसे साबित करेंगे। बता दें कि सचिन पायलट दिल्ली आए थे।

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