Report Times
latestOtherटॉप न्यूज़ताजा खबरेंदेशराजनीति

चमचागिरी की हद है… राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर विवादित बयान दे बुरे फंसे कांग्रेस नेता उदितराज

REPORT TIMES

Advertisement

कांग्रेस नेता उदित राज अकसर अपने विवादित बयानों की वजह से चर्चा में रहते हैं। अब उन्होंने सीधा राष्ट्रपति को लेकर विवादित बोल बोले हैं। उन्होंने एक ट्वीट करके राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर  ‘चमचागीरी’ शब्द का इस्तेमाल किया जिसके बाद भाजपा ने उन्हें घेरा है और कहा है कि इसीसे पता चलता है कि कांग्रेस किस तरह से आदिवासियों के विरोध में खड़ी है।

Advertisement

उदित राज ने एक ट्वीट करके कहा था, ‘द्रौपदी मुर्मू जी जैसा राष्ट्रपति किसी देश को न मिले। चमचागिरी की भी हद्द है । कहती हैं 70% लोग गुजरात का नमक खाते हैं । खुद नमक खाकर ज़िंदगी जिएं तो पता लगेगा।’ इसपर भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, उदित राज ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए जिन शब्दों का इस्तेमाल किया है वे काफी चिंताजनक और दुर्भाग्यपूर्ण हैं। हालांकि यह पहली बार नहीं है। इससे पहले अधीर रंजन चौधरी भी ऐसी ही भाषा बोल चुके हैं। इससे पता चलता है कि कांग्रेस की मानसिकता आदिवासी विरोधी है।

Advertisement

Advertisement

कांग्रेस से भाजपा में आए जितिन प्रसाद ने कहा, उदित राज जैसे नेताओं को अपनी टुच्ची राजनीति से ऊपर उठना चाहिए। उन्हें सीखना चाहिए कि कैसे राष्ट्रपति का सम्मान किया जाता है। वहीं भाजपा के आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने कहा, सोनिया गांधी जी मंड्या में हैं और मीडिया से घिरी हैं। क्या किसी ने उनसे उदित राज के बयान पर सवाल किया? उनकी चुप्पी बताती है कि उनकी सोच भी उदित राज के बयान से मिलती जुलती है।

Advertisement

पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं उदित राज
बता दें कि अधीर रंजन चौधीर ने एक बयान में ‘राष्ट्रपत्नी’ शब्द का इस्तेमाल किया था जिसके बाद उनकी बहुत फजीहत हुई थी। वहीं बात करें उदित राज की तो वह भी द्रौपदी मुर्मू को लेकर पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं। उन्होंने कहा था कि जाति देखकर खुश ना होना, कोविंद जी राष्ट्रपति बने तो दलित कुश हुए थे और वे भला एक चपरासी का भी नहीं  कर पाए।

Advertisement

अब सफाई दे रहे कांग्रेस नेता
उदित राज के बयान के बाद भाजपा ने सीधा इसे कांग्रेस की मानसिकता से जोड़ दिया। इसके बाद उदित राज ने ट्विटर पर ही सफाई दी है। उन्होंने कहा, मेरा बयान द्रोपदी मुर्मू जी के लिऐ निजी है,कांग्रेस पार्टी का नही है।मुर्मू जी को उम्मीदवार बनाया व वोट मांगा आदीवासी के नाम से। राष्ट्रपति बनने से क्या आदिवासी नही रहीं? देश की राष्ट्रपती हैं तो आदिवासी की प्रतिनिधि भी। रोना आता है जब एससी/एसटी के नाम से पद पर जाते हैं फिर चुप।

Advertisement
Advertisement

Related posts

राजस्थान : राज्य की 3878 ग्राम पंचायतों और जिला परिषदों के चुनाव की तैयारी

Report Times

बेजुबानों के लिए अनूठी पहल: इस शख्स ने जन्मदिन पर पक्षियों के लिए लगाए परिंडे, बोले- पर्यावरण संरक्षण के लिए परिंदों का संरक्षण भी जरूरी है

Report Times

PM बोले- हम वो जो नदी में मां और कंकड़ में शंकर देखते हैं

Report Times

Leave a Comment