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कांग्रेस के नव निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की पहली सभा राजस्थान के बांसवाड़ा और डूंगरपुर में हो सकती है। लोकल स्तर पर यहां नेताओं ने तैयारी भी शुरू कर दी है। दरअसल बांसवाड़ा व डूंगरपुर जिला पूरी तरह से जनजाति बाहुल्य है। दलित समाज से राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के कारण खड़गे यहां पहली सभा कर सकते हैं। इस क्षेत्र से भाजपा और कांग्रेस नेता गुजरात पर निशाना साधा रहे हैं क्योंकि मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान की 25 सीटें सीधे तौर पर प्रभावित होती हैं। कांग्रेस के लिए यह मौका भी है और दस्तूर भी।
डूंगरपुर और बांसवाड़ा आदिवासी बाहुल्य जिले होने के साथ आस्था के भी बड़े केंद्र हैं। कांग्रेस में विधानसभा चुनावों से पहले आदिवासी समाज के सबसे बड़े आस्था का केंद्र बेणेश्वर धाम में बड़ी चुनावी सभा होती है और यहीं से कांग्रेस का चुनावी बिगुल बजता है। इसका कांग्रेस को फायदा भी मिला है। हाल ही में उदयपुर में हुए चिंतन शिविर में भी राहुल गांधी ने यहां बड़ी सभा को संबोधित किया था। यही वजह है कि मल्लिकार्जुन खड़गे राजनीतिक विवादों को सुलझाने से पहले डूंगरपुर या बांसवाड़ा में चुनावी सभा कर सकते हैं। ये दोनों जिले गुजरात की सीमा पर हैं और यहां रहने वाले लोग सामाजिक, राजनीतिक और पारपंरिक दृष्टि से गुजरात से जुड़े हुए हैं। यहां तक कि वागड़ी और गुजराती बोली भी लगभग एक समान हैं।
पिछले दिनों हुई थी शाह की सभा
भाजपा ने भी इन क्षेत्रों को फोकस किया हुआ है। यहां पिछले दिनों गृहमंत्री अमित शाह का सभा हो चुकी है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया गत दो माह में कई दौरे और कम से कम दस दिन का प्रवास कर चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी माउंट आबू में गृहमंत्री और प्रधानमंत्री की सभा से पहले यहां त्रिपुरा सुंदरी दर्शन करने के बाद ही वहां गई थीं। आपको बता दें कि इस क्षेत्र के स्थानीय नेताओं को दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों ने गुजरात में जिम्मेदारी दी हुई है जो लगातार गुजरात के दौरे कर रहे हैं।