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राजस्थान में विवादास्पद बयानबाजी से चर्चा में रहने वाले मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने एक बार इशारों में सीएम गहलोत पर निशाना साधा है। मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि सत्ता का विकेंद्रीकरण होना चाहिए। राजस्थान में पावर पूरी तहर से केंद्रीयकृत है। सैनिक कल्याण मंत्री गुढ़ा ने सचिवालय में मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर किसी कांस्टेबल का ट्रांसफर कराना होता है उसे मुख्यमंत्री कार्यालय जाना पड़ता है। सचिन पायलट गुट के माने जाने वाले मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि मंत्रियों के हाथ में कुछ भी नहीं है।
ट्रांसफर के लिए सीएमओ जाना पड़ता है
मंत्री गुढ़ा ने कहा कि डीजीपी की नियुक्ति मुख्यमंत्री करते हैं। कांस्टेबल का तबादला भी मुख्यमंत्री करते हैं। गुढ़ा ने कहा कि अगर किसी को कांस्टेबल का ट्रांसफर कराना होता है तो उसे मुख्यमंत्री कार्यालय जाना पड़ता है। बसपा से कांग्रेस में शामिल होकर मंत्री बने राजेंद्र गुढ़ा गहलोत सरकार की मुसीबत बढ़ाने वाले बयान देते रहे हैं। कभी सीएम गहलोत के कैंप के माने जाने राजेंद्र गुढ़ा के हाल के दिनों में सुर बदल गए गए है। सचिन पायलट की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। बता दें राजेंद्र गुढ़ा समेत बसपा के 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इन विधायकों ने वर्ष 2020 में पायलट की बगावत के समय गहलोत सरकार को गिरने से बचाने में अहम रोल अदा किया था।
पावर के लिए मंत्रियों में खींचतान
राजस्थान में आईएएस अफसरों की एसीआर भरने के मामले में घमासान मचा हुआ है। मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सीएम गहलोत को पत्र लिखकर एसीआर भरने का अधिकार देने की मांग की है। जबकि मंत्री महेश जोशी ने इस तरह की मांग को विरोध किया है। इस पूरे विवाद में राजेंद्र गुढ़ा ने एंट्री कर ली है। हालांकि, एसीआर भरने के मामले में खाचरिया