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कल से ‘पायलटमयी’ होगा राजस्थान! बजट सत्र से पहले फील्ड में उतर दिखाएंगे सियासी ताकत

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राजस्थान में चुनावी साल में विधानसभा के बजट सत्र से पहले पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट एक बार फिर सियासी हवा भांपने के लिए जमीन पर उतर रहे हैं. पायलट पूरे प्रदेश में सभाएं करने की तैयारी कर रहे हैं जिसकी शुरुआत सोमवार 16 जनवरी से मारवाड़ और शेखावाटी में किसान सम्मेलन से होने जा रही है. पिछले हफ्ते पंजाब में राहुल गांधी से भारत जोड़ो यात्रा में मुलाकात के बाद पायलट अब फील्ड में उतरकर सभाएं करने जा रहे हैं जहां कल से पांच दिन तक राजस्थान में पायलट अलग-अलग जिलों में सभाएं करेंगे. माना जा रहा है कि इन सम्मेलनों से प्रदेश की सियासत एक बार फिर गरमा सकती है. मालूम हो कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सियासी विवाद किसी से छिपा नहीं है और आलाकमान की तमाम कोशिशों के बाद भी राजस्थान के संकट का अभी तक कोई हल नहीं निकला है. पायलट के कार्यक्रम के मुताबिक वह 16 से 19 जनवरी के बीच नागौर, हनुमानगढ़, झुंझुंनू और पाली में सभाएं कर रहे हैं. पायलट गुट के नेताओं का कहना है कि यह सभाएं संगठन को मजबूती देने और चुनावों से पहले कार्यकर्ताओं में जोश पैदा करने के लिए की जा रही है. हालांकि गहलोत खेमा इसे पायलट के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देख रहा है.

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किसान सम्मेलन से पायलट टटोलेंगे नब्ज!

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पायलट की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक 16 जनवरी को पायलट नागौर के परबतसर से सभाओं की शुरुआत करने जा रहे हैं जिसे किसान सम्मेलन ​नाम दिया गया है. वहीं इसके बाद 17 जनवरी को हनुमानगढ़ के पीलीबंगा में पायलट की सभा है और 18 जनवरी को झुंझुनूं के गुढ़ा, 19 जनवरी को पाली के सादड़ी में पायलट किसान सम्मेलन करेंगे. वहीं 20 जनवरी को जयपुर के महाराजा कॉलेज में पायलट की सभा रखी गई है. जानकारों का कहना है कि सचिन पायलट के फील्ड में उतरने और सभाएं करने की टाइमिंग अहम है जहां सीएम अशोक गहलोत 16 और 17 जनवरी को जयपुर में सरकार के चार साल के कामकाज और 2023 की रणनीति पर चिंतन शिविर कर रहे हैं वहीं बजट सत्र से ठीक पहले पायलट सभा कर पांच जिलों में उतर रहे है जहां पायलट समर्थकों में जबरदस्त जोश देखने को मिल रहा है.

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पायलट ने की राहुल गांधी से मुलाकात

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वहीं सचिन पायलट के विधानसभा के बजट सत्र से पहले फील्ड में उतरना उनका शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है. इसके अलावा राहुल गांधी से पंजाब में मुलाकात करने के बाद पायलट की लगातार पांच जिलों की सभाएं होने के भी कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. इसके साथ ही पायलट की सभाओं के ठीक बाद 23 जनवरी से राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने वाला है जहां विधानसभा में पायलट के रूख पर हर किसी की नजरें हैं. बता दें कि अशोक गहलोत मौजूदा सरकार में आखिरी बार बजट पेश करने वाले हैं और पायलट खेमे के विधायकों की भी कई मांगें हैं. बताया जा रहा है कि पायलट समर्थक अपनी मांगों पर सरकार को घेर भी सकते हैं.

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बीजेपी के गढ़ में उतरेंगे पायलट

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इधर पायलट खेमे का कहना है कि राजस्थान में कांग्रेस का बीजेपी से सीधा मुकाबला है और बीजेपी ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है तो हमारी पार्टी भी हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठ सकत है. बता दें कि जिन क्षेत्रों में किसान सम्मेलन हो रहे हैं वह बीजेपी के गढ़ माने जाते हैं.ऐसे में पार्टी को 2023 में विधानसभा चुनावों बेहतर प्रदर्शन करने के साथ ही किसान, युवाओं और मतदाताओं के बीच जाना होगा. पायलट गुट के नेताओं का कहना है कि पार्टी को 2003 और 2013 की तरह हार से बचना है तो अभी से जमीन पर उतरकर मेहनत करनी पड़ेगी.

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