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गोरखनाथ मंदिर के सुरक्षाकर्मियों पर हमले के दोषी मुर्तजा को फांसी की सजा

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गोरखनाथ मंदिर में तैनात सुरक्षाकर्मियों पर हमले में दोषी अहमद मुर्तुजा को सोमवार को एनआईए की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया. एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने आज अहमद मुर्तुजा को फांसी की सजा सुनाई है. मुर्तुजा गोरखनाथ मंदिर मे हमले का आरोपी है. सोमवार को एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने फांसी सजा सुनाई है. गोरखनाथ मंदिर में तैनात सुरक्षा कर्मियों पर हमले के मामले में दोषी अहमद मुर्तजा को एनआईए स्पेशल कोर्ट में लाया गया था. कड़ी सुरक्षा में कोर्ट में लाया गया.पिछली तारीख पर कोर्ट ने मुर्तजा को दोषी ठहराया था. 4 अप्रैल 2022 को गोरखनाथ थाने में मामला मामला दर्ज हुआ था. मंदिर की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर धारदार हथियार से हमला किया गया था. सुरक्षाकर्मियों की रायफल छीनने की कोशिश की थी. साथ ही उसने धार्मिक नारे भी लगाए थे.

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सीएए और एनआरसी के फैसलों से था नाराज

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पुलिस के मुताबिक गोरखनाथ मंदिर हमले का आरोपी अहमद मुर्तजा गिरफ्तार होने के बाद कहा था कि उसकी नफरत मुसलमानों के खिलाफ किए गए ‘अत्याचार’ से पैदा हुई थी. आईआईटी ग्रेजुएट मुर्तजा ने अपने इकबालिया बयान में कहा था कि वह गोरखनाथ मंदिर गया था क्योंकि पुलिस अधिकारी हमेशा वहां तैनात रहते हैं और वह उन पर हमला करने के बाद भागना चाहते था. उसने पुलिस को यह भी बताया था कि सरकार द्वारा लाए गए नागरिकता (संशोधन) अधिनियम और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (NRC) ‘गलत’ थे.

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इस तरह आरोपी मुर्तजा ने किया था हमला

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बता दें कि 4 अप्रैल 2022 को गोरखनाथ मंदिर पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों पर उसने जानलेवा हमला किया था. मुर्तजा ने पुलिस जवानों की राइफल को उठाने की कोशिश की थी. इस दौरान बांका लहराते (धारदार हथियार) हुए व धार्मिक नारा लगाते हुए पीएसी पोस्ट (सुरक्षाकर्मियों) की ओर दौड़ा था. इससे लोगों में अफरा-तफरी मच गई थी. इसके हाथ पर एक बड़े बांस से उस पर प्रहार किया गया. इसके बाद आरोपी के हाथ से बांका गिर गया. फिर आवश्यक बल प्रयोग कर इसे पकड़ लिया गया था. इसके पास से अन्य वस्तुओं के अलावा उर्दू भाषा में लिखी हुई एक धार्मिक किताब भी बरामद हुई थी.

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