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राजस्थान के चूरू जिले के राजगढ़ में बहुचर्चित थानाधिकारी विष्णुदत्त बिश्नोई सुसाइड मामले में एक बड़ा फैसला सामने आया है. मिली जानकारी के मुताबिक मामले में मंगलवार को जोधपुर की सीबीआई कोर्ट ने फैसला देते हुए सीबीआई द्वारा पेश की गई जांच रिपोर्ट को खारिज कर दिया है. वहीं कोर्ट ने सादुलपुर से कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया के खिलाफ वारंट जारी किया है. दरअसल पूनिया के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 के तहत प्रसंज्ञान लिया गया है जिसके बाद उन्हें वारंट जारी हुआ है. अब 4 मार्च को विधायक पूनिया को सीबाआई कोर्ट में पेश होकर जवाब देना होगा. मालूम हो कि आज से करीब 3 साल पहले 23 मई को सीआई विष्णुदत्त बिश्नोई ने अपने सरकारी क्वार्टर में फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया था. सीआई के सुसाइड के बाद राजस्थान के पुलिस महकमे से लेकर सरकारी गलियारों तक हड़कंप मच गया था. वहीं विष्णुदत्त बिश्नोई के सुसाइड स्थल से दो सुसाइड नोट भी बरामद किए गए थे जिसमें एक नोट में जिले की तत्कालीन एसपी तेजस्विनी गौतम का नाम लिखा हुआ था और इन सुसाइड नोट में सीआई ने दबाव और मानसिक तनाव का भी जिक्र किया था. वहीं सुसाइड के बाद परिजनों और बिश्नोई समाज की ओर से विष्णुदत्त बिश्नोई की मौत को लेकर सीबीआई जांच की मांग सरकार से की गई थी जिस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे.
आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का चलेगा केस
बता दें कि अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट सीबीआई जज डॉ. पवन कुमार बिश्नोई ने लिया संज्ञान लेते हुए यह आदेश जारी किए हैं जिसमें धारा 306 के तहत विधायक कृष्णा पूनिया को 10 हजार का जमानती वारंट देकर तलब किया गया है. वहीं CBI कोर्ट ने सीबीआई द्वारा पेश की गई एफआर को खारिज कर दिया है. इसके बाद अब विधायक पर आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का मामला चलेगा. दरअसल सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (सीबीआई) ने पूनिया पर लगे आरोपों को निराधार बताते हुए मामले में एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगा दी थी लेकिन अब जोधपुर कोर्ट ने इस मामले में फिर से संज्ञान लेने के निर्देश दिए हैं. मालूम हो कि राजगढ़ CI विष्णुदत्त बिश्नोई ने 23 मई 2020 को अपने सरकारी आवास में फांसी लगा ली थी.
पूनिया पर लगे थे परेशान करने के आरोप
राजगढ़ थानाधिकारी विष्णुदत्त बिश्नोई के सुसाइड करने के बाद विष्णुदत्त के भाई संदीप बिश्नोई ने एक एफआईआर देकर कहा था कि राजगढ़ विधायक कृष्णा पूनिया उसे काफी समय से परेशान कर रही थी. वहीं इस मामले की जांच पहले सीआईडी (सीबी) को दी गई लेकिन बाद में राज्य सरकार ने मामला सीबीआई को सौंप दिया. इधर अदालत के सीबीआई की एफआर को खारिज करने के बाद विधायक कृष्णा पूनिया के पति विरेंद्र पूनिया ने कहा कि हम इस मामले में पूरी तरह निर्दोष है और हम आगे हाईकोर्ट में अपील करेंगे.