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घूसखोरों के बाद अब बदमाशों का काल बनेंगे IPS दिनेश एमएन! असली ‘सिंघम’ नाम से है फेमस

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राजस्थान में गहलोत सरकार ने सोमवार देर रात 75 आईपीएस अधिकारियों के तबादले कर दिए जहां 22 जिलों के एसपी बदले गए हैं और कई पुलिस अधिकारियों को प्रमोशन मिला है. इसी तबादला सूची में 1995 बैच के राज्य के तेज तर्रार आईपीएस अधिकारी दिनेश एमएन का नाम भी शामिल है जिन्हें अब एडीजी एसीबी-2 जयपुर से एडीजी पुलिस क्राइम ब्रांच की जिम्मेदारी दी गई है. माना जा रहा है कि चुनावी साल में एमएन को अपराध पर लगाम लगाने और बदमाशों पर नकेलकसने के लिए क्राइम ब्रांच में भेजा गया है. दिनेश एमएन जिस भी पोस्ट पर रहे हमेशा अपनी कार्यशैली को लेकर चर्चा में रहे हैं फिर चाहे वह एसीबी में रहते हुए घूसखोरों पर ताबड़तोड़ एक्शन हो या साल 2000 से 2002 तक करौली के एसपी रहने के दौरान बीहड़ के जंगलों में डकैतों के खिलाफ चलाए गए अभियान के लिए जहां उन्होंने बीहड़ के कई इलाकों को डकैतों से खाली करवा दिया था. दिनेश एमएन को साल 2019 से एंटी करप्शन ब्यूरो में भेजा गया था जहां वह वर्तमान में एसीबी के एडीजी थे. बीते दिनों राज्य में दिनेश एमएन के नेतृत्व में एसीबी ने प्रदेश के कई आईएएस और आईपीएस अफसरों को घूस लेते हुए दबोचा है.

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7 साल जेल में रहे दिनेश एमएन

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दिनेश के कार्यकाल में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं जहां उदयपुर एसपी रहने के दौरान सोहराबुद्दीन फर्जी एनकाउंटर मामले में दिनेश एमएन को गिरफ्तार भी किया गया था और वह सात साल तक जेल में भी बंद रहे थे. वहीं जेल से निकलने के बाद वह एक बार पुलिस सेवा में लौटे और अपने काम से एक नई पहचान बनाने में कामयाब हुए. एमएन साल 2014 में जमानत पर छूटे और 2017 में सर्विस के लिए फिर से बहाल हुए थे. सोहराबुद्दीन केस में सीबीआई से आईपीएस दिनेश एमएन सहित सभी को बरी कर दिया गया था.

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जनता के बीच असली सिंघम के नाम से फेमस

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राजस्थान में एमएन को असली सिंघम कहा जाता है जिनकी 1998 में इनकी पहली पोस्टिंग दौसा जिले में एएसपी के तौर पर हुई थी. वहीं इसके बाद वह जयपर शहर के गांधी नगर सर्किल के एएसपी रहे. वहीं कई जिलों में एसपी रहने के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो में कमान मिली तो आईजी रहने के दौरान पहली बार किसी आईएएस अफसर को ढाई करोड़ रुपये की घूस लेते गिरफ्तार किया था. एमएन के नेतृत्व में ही वरिष्ठ आईएएस और खान विभाग के तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक सिंघवी को 2 करोड़ 50 लाख रुपये की रिश्वत मामले में पकड़ा गया था.

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बीहड़ से डकैतों का किया सफाया

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वहीं दिनेश एमएन 2000 से 2002 तक करौली के एसपी रहे जहां बीहड़ के जंगलों में डकैतों के खिलाफ उन्होंने एक विशेष अभियान शुरू किया जिसके बाद दो साल तक के कार्यकाल में उन्होंने बीहड़ के कई इलाकों को डकैतों से आजाद करवाया. इसके बाद वह 2005 में उदयपुर जिले के एसपी बने और इस दौरान राजस्थान पुलिस और गुजरात पुलिस के ज्वॉइंट ऑपरेशन में सोहराबुद्दीन को एनकाउंटर करके मार गिराया था. हालांकि बाद में इस एनकाउंटर पर सवाल उठे थे.

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गैंगस्टर आनंदपाल को किया ढेर

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इसके अलावा गैंगस्टर आनंदपाल सिंह की तलाश राजस्थान पुलिस को काफी दिनों से थी और वह फरार चल रहा था. 2017 में एमएन को आनंदपाल को लाने का टास्क दिया गया था जब वे एसओजी आईजी बनकर आए थे. इसके बाद एमएन ने एक स्पेशल टीम बनाई और आनन्दपाल सिंह को दबोचने के मिशन पर लग गए. इसके बाद जून 2017 में एसओजी की टीम ने गैंगस्टर आनन्दपाल सिंह को उसके गांव के घर में घेर लिया और फायरिंग में वहां ढेर हो गया.

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