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जोशी के बहाने गहलोत की घेराबंदी!..इस्तीफा ‘एक व्यक्ति एक पद’ वाला या आलाकमान की कार्रवाई?

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राजस्थान के सियासी गलियारों में एक बार फिर 25 सितंबर 2022 को गहलोट गुट के विधायकों के सामूहिक इस्तीफों का मामला गरमाया हुआ है. हाल में सचिन पायलट के एक इंटरव्यू में गहलोत खेमे के नेताओं के खिलाफ आलाकमान के एक्शन लेने में देरी पर सवाल उठाने के बाद राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर रंधावा की सीएम अशोक गहलोत से मुलाकात होने पर महेश जोशी  का मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा हो गया, अब इन दोनों घटनाक्रम को लेकर राज्य का सियासी पारा एक बार फिर चढ़ गया है. जोशी के इस्तीफे को लेकर कई तरह की राजनीतिक अटकलें लगाई जा रही है और फिर शनिवार को जोशी की प्रतिक्रिया और रंधावा के बयान से इनको बल मिल गया. कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने जोशी के इस्तीफे के पीछे एक व्यक्ति एक पद और 25 सितंबर की घटना पर कार्रवाई का परिणाम बताया. इधर, जोशी ने इस्तीफे के बाद इशारों में पायलट खेमे के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाते हुए कहा कि पार्टी आलाकमान का निर्णय था और मैंने एक व्यक्ति एक सिद्धांत के तहत मुख्य सचेतक के पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी जिसे सीएम गहलोत ने स्वीकार किया है.

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रंधावा के बयान से फिर बढ़ेगा क्लैश!

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प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने शनिवार को जयपुर सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि महेश जोशी का इस्तीफा एक व्यक्ति एक पद के साथ 25 सितंबर को हुई घटना को लेकर की गई कार्रवाई है और आगे भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी. रंधावा ने कहा यह मामला मेरे पहले का है लेकिन फिर भी आलाकमान जो कहेगा, वही करूंगा. रंधावा ने आगे कहा कि इस्तीफा का कारण वो कार्रवाई भी है और दो पद भी है और इस मामले में आगे भी कार्रवाई होगी. वहीं राजस्थान में खींचतान को लेकर प्रदेश प्रभारी ने माना कि नेताओं के बीच मनमुटाव है और उसे दूर करने का प्रयास कर रहे हैं और पायलट की कोई नाराजगी नहीं है, यह केवल मीडिया की बातें हैं. मालूम हो कि 25 सितंबर 2022 को चले राजनीतिक ड्रामे में गहलोत समर्थक माने जाने वाले विधायकों ने स्पीकर सीपी जोशी को इस्तीफे सौंप दिए थे जिसके बाद कांग्रेस विधायक दल की बैठक रद्द हो गई थी. वहीं इस मामले में मंत्री महेश जोशी, शांति धारीवाल और धर्मेंद्र राठौड़ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग उठी थी जिसके बाद तीनों नेताओं को नोटिस जारी किए गए लेकिन तीनों के खिलाफ अभी तक मामला अनुशासन समिति के पास पेडिंग चल रहा है.

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जोशी ने साधा पायलट कैंप पर निशाना

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वहीं इधर इस्तीफे के बाद गहलोत के करीबी मंत्री महेश जोशी ने कहा है कि सरकार को कमजोर करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर मेरे इस्तीफे को कार्रवाई का हिस्सा माना जाए तो भी मैं इसका सम्मान करता हूं और जिन लोगों ने पार्टी और सरकार को कमजोर करने का काम किया है उन पर भी कार्रवाई हो तो बराबरी का संदेश जाएगा. बता दें कि राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने हाल ही में कांग्रेस विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने वाले पर एक्शन लेने की मांग की थी और पायलट ने कहा था कि पार्टी आलाकमान जल्द निर्णय लेगा.

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खींचतान कम होगी या बढ़ेगी !

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जानकारों का कहना है कि 25 सितंबर की घटना को पायलट कैंप काफी समय से उठा रहा है और अब आलाकमान उस मामले में कोई बीच का रास्ता निकालने की कोशिश कर रही है. जोशी के पास जलदाय मंत्री के साथ सरकारी मुख्य सचेतक का पद भी था जहां दूसरे पद से इस्तीफा लेकर 25 सितंबर की घटना पर एक्शन मान लिया गया. वहीं इधर अब देखना होगा कि पायलट कैंप आगे यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ के मामले पर क्या बोलता है. इसके अलावा तीन नेताओं में सिर्फ एक के खिलाफ एक्शन होने की भी चर्चाएं चल रही है.

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विधायकों का जोशी पर तंज

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वहीं इस मामले को लेकर विधायक दिव्या मदेरणा ने तंज करते हुए कहा कि 25 सितम्बर को महेश जोशी ने मुख्य सचेतक के पद का ग़लत इस्तेमाल कर मंत्री धारीवाल के घर समानांतर विधायक दल की बैठक के लिए फ़ोन किए थे जिसके बाद बग़ावत मामले में इस्तीफ़ा लेना अति आवश्यक था क्योंकि विधानसभा का सत्र चल रहा है. दिव्या ने कहा कि मैंने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि महेश जोशी का मुख्य सचेतक के रूप में किसी आदेश की पालना नहीं करूंगी क्योंकि जो पार्टी आलाकमान के एक लाइन के प्रस्ताव को पारित करने के बजाय समांतर मीटिंग बुला सकते हैं अपने पद पर बने रहने के लिए ऐसे व्यक्ति के आदेश की मैं पालना नहीं कर सकती. इसके अलावा दिव्या ने जोशी के विधायक पद से भी इस्तीफा लेने की मांग उठाई और कहा कि मामले को लेकर कोर्ट में तारीख पर तारीख पड़ती है और कांग्रेस की फजीहत होती है, पार्टी एक अनुशासन से चलती है तो यह मज़ाक़ किसने बनाया! वहीं जोशी के इस्तीफे पर मंत्री प्रतापसिंह खाचरियाावास ने कहा कि जोशी को तो एक साल पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था जब रघु शर्मा और हरीश चौधरी प्रभारी बने थे तो उन बेचारों को तो एक महीना भी नहीं दिया गया.

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